5 Oct 2014

एक देशभक्त की आवाज - देवेश यादव

प्रिय देशवासियोँ ! बार-बार पाकिस्तान की तरफ से गैर कानूनी हमले के बावजूद भारतीय सेना और नेताओँ की खामोशी के प्रति हम अपनी भावनाओँ को प्रकट कर रहे हैँ । कृपया ध्यान से पढ़ेँ , और अपने सुझाव देँ !


क्या छोड़ दिया है माताओँ ने , जनना अमर सपूतोँ को ।

इस भारत के उन वीरोँ की , तुम याद करो गौरवगाथा ।
इतिहास उठाकर देखो घास के , रोटी के साबूतोँ को ।
जिसके इतिहास को इश्वर ने , खुद ही आकर के संवारा है ।

जब-जब भारत मेँ अत्याचारी , अत्याचार मचाये हैँ ।
तब राम-कृष्ण जी आकर के, खुद इसकी लाज बचाये हैँ ।
ऐ हिन्दुस्तानी सेना वालोँ , क्या तुम सच मेँ कायर हो ?
खुद को तुम कैसे रोक सके , सुन पाकिस्तानी फ़ायर को ।

क्या पाकिस्तानी सेना ने , था दूध सिँहनी का पीया ।
जो तुमने उनकी करतूतोँ का, बदला अब तक नहीँ लिया ।
इस कानूनी रस्सी मेँ बँधकर , शेर नहीँ जीया करते ।
जो वीर साहसी होते हैँ वो , जुर्म नहीँ पीया करते ।

जो कानूनोँ की रक्षा मेँ , गोली खाकर के गुजर गये ।
वे आत्मरक्षा के प्रकृतिक , नियमोँ से क्योँ मुकर गये ।
वे घुसकर घर मेँ मेरे ही , मेरे भाई को मार रहे ।
इक तुम हो जो कि इस पर भी, ऐसे रिस्ते को सवार रहे ।

शेखर आजाद और भगतसिँह , हँस कर फाँसी पर झूल गये ।
ऐ हिन्दुस्तानी क्या तुम उनकी, कुर्बानी को भूल गये ।
इन नेताओँ को एक जान की , कीमत छोटी लगती है ।
उन माताओँ से पूछो जो , बेटे के मौत कि आहेँ बरती है ।

जिसने अपना दूध पिलाकर, अपने बेटोँ को पाला है ।
जो बेटा अपनी माँ खातिर , खुद की भी जान से प्यारा है ।
रक्षाबन्धन के दिन जो बहनेँ , सूनी राहेँ तकती हैँ ।
भाई के दर्शन खातिर आँखेँ , सावन जैसी बरसती हैँ ।

उन बेटी से पूछो जिनकी , माँगो का है सिन्धूर मिटा ।
जो गोँद मेँ उनकी बच्चा है , उस बच्चे का सौभाग्य लुटा।
ऐ हिन्दुस्तानी शेरोँ अब भी, अपना फ़र्ज निभाओ तुम ।
वे एक लोग को मरेँ तो , दस-बीस को मार गिराओ तुम ।

गर ये ही हाल रहा अपना , तो फिर से गुलाम हो जायेँगे ।
भारतवासी तब शेर नहीँ , बल्की गीदड़ कहलायेँगे ॥


ऐ भारतवासी गौर करो , पाकिस्तानी करतूतोँ को ।
इस दुनिया का वह परमधाम, यह हिन्दुस्तान हमारा है ।

-देवेश यादव


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