29 Oct 2018

जैक मा की प्रेरणादायक कहानी Alibaba Founder Jack Ma Success Story Hindi

जब केएफसी कंपनी चीन में आयी तो जॉब पाने के लिए २४ लोग इंटरव्यू देने गए, उनमें से २३ को कम्पनी ने चुन लिया । सिर्फ मुझे रिजेक्ट कर दिया गया । – Jack Ma
चीन के मौजूदा सबसे धनी और प्रसिद्ध व्यक्ति जैक मा ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान ये बात कही ।
दोस्तों आज हम बात करनेवाले हैं अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर Jack Ma के बारे में, उनके चीन के एक छोटे से गाँव से निकल कर चीन की सबसे बड़ी कंपनी को स्थापित करने के सफ़र के बारे में ।
लगातार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वो हर इंटरप्रेन्योर (उद्यमी) और हर एक स्टूडेंट के लिए प्रेरणा स्रोत है ।
उन्होंने नौकरी के लिए लगभग ३० से ज्यादा बार रिजेक्ट होने के बाद भी हिम्मत ना हार कर संघर्ष किया और आश्चर्य चकित कर देनेवाली सफलता की एक नई कहानी गढ़ दी ।
Jack Ma वर्तमान में एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, अगस्त २०१७ में उनकी संपत्ति करीब ३६.४ बिलियन अमेरिकी डॉलर है ।
बिज़नेस दुनिया की प्रसिद्ध मैगजीन “फार्च्यून” ने २०१७ की दुनिया के ५० महान लीडर्स लिस्ट में दूसरा स्थान दिया गया है । दुनिया में व्यवसायियों और स्व-उद्धिमीयों में से Jack Ma एक बहुत ही प्रभावशील व्यक्ति हैं ।
वे परोपकारी कार्यो के साथ साथ नई पीढ़ी को बिज़नेस के गुर सिखाने के लिए भी मशहूर हैं ।

बचपन (Childhood)

Jack Ma का जन्म चीन के एक बहुत छोटे-से गाँव में १० सितम्बर १९६४ में हुआ था । उन्होंने बचपन गरीबी का हर वो चेहरा देखा जिसकी कल्पना करना भी हमारे लिए मुश्किल है ।
उन्हें बचपन से ही इंग्लिश भाषा को सीखने, समझने में बहुत दिलचस्पी थी । उस समय कम्युनिस्ट देश चीन की प्रमुख भाषा चीनी ही थी और ६० के दशक में चीनी भाषा को ही महत्व दिया जाता था । इंग्लिश भाषा को सीखने-पढने पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता था नाही इसको जरूरी  समझा जाता था ।
बावजूद इसके लगभग १३ साल ही उम्र से ही उन्होंने अंग्रेजी सीखना शुरू कर दिया, बजाये किसी इंग्लिश के शिक्षक के उन्होंने विदेशों से आने वाले टूरिस्ट्स की मदद करना शुरू कर दी और एक टूरिस्ट गाइड की भूमिका निभाने लगे ।
पश्चिमी देशों से आये टूरिस्ट्स से इंग्लिश भाषा में बात करने में शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आयी पर फिर कोशिश करते रहने से उनकी टूटी-फूटी अंग्रेजी में सुधार हो गया ।
उनका बचपन में नाम “मायून” था पर विदेशी पर्यटकों के लिए ये चीनी नाम उच्चारण करने में कठिन था । एक बार उनकी एक विदेशी पर्यटक से उनकी मित्रता हो गई और उसने ही उन्हें “Jack” नाम दिया ।
९ वर्ष तक उन्होंने एक टूरिस्ट गाइड की तरह काम किया जिससे उन्हें पश्चिमी देशों संस्कृति के साथ साथ इंग्लिश की भी बहुत अच्छी समझ हो गई ।

व्यवसाय की शुरुआत (Career)

Jack Ma शुरुआती दिनों में नौकरी की तलाश में भटक रहे थे, पुलिस की नौकरी के लिए भी उन्होंने आवेदन किया था । पर उनकी शारीरिक क्षमता इस नौकरी के अनुरूप ना होने के कारण उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी ।
जैक मा जब अमेरिका गए तो उन्हें वहाँ इंटरनेट के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त हुई, हालाँकि उन्होंने इसके बारे में पहले से सुन रखा था, पर अब उन्हें इसको उपयोग करने का मौका मिला ।
उन्होंने इंटरनेट पर जो पहला शब्द टाइप किया वो था BEER (भालू) । उन्होंने पाया कि दुनिया के बहुत से देशों के भालुओं के बारे में उन्हें जानकारी मिल गई, पर चीन में पाए जानेवाली प्रजातियों के बारे में कोई जानकारी उस वक्त तक इंटरनेट पर मौजूद नहीं थी ।
फिर उन्होंने अलग-अलग चीजें चीन के बारे में सर्च की । पर इंटरनेट पर चीन के बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध थी । जो उन्हें अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अपने कुछ मित्रों की मदद से एक वेबसाइट बनाई जो चीन के बारे में जानकारियां देती थी ।
महज कुछ ही घंटो के अन्दर उन्हें बहुत से ईमेल प्राप्त हुए जो लोग Jack के बारे में जानना चाहते थे । अब तक Jack को इंटरनेट की अनंत संभावनाओं का एहसास हो चुका था । इस से पहले वो एक ट्रांसलेशन (अनुवाद) करनेवाली एक छोटी सी एजेंसी चलाते थे । अब जैक इंटरनेट की मदद से कुछ नया करना चाहते थे ।
सन १९९५ में जैक ने अपने कुछ मित्रों और पत्नी की मदद से २०,००० डॉलर जमा किये जिसमे उनकी अपनी बहन से लिए हुए पैसे भी शामिल थे और एक नई वेबसाइट बनाई जो चीन में जो छोटी-बड़ी कंपनियां थी उनको वेबसाइट बनाकर देती थी । इसका नाम उन्होंने “China Yellow Pages” रखा । वांछित लाभ ना मिलने के कारण यह व्यवसाय भी असफल हो गया ।

अलीबाबा कंपनी की शुरुआत (Alibaba Startup)

कुछ दिन सरकारी काम करने के बाद वे वापस गाँव आ गए और उन्होंने अपने १७ मित्रों को इन्वेस्ट करने के लिए रजामंद किया । और इस तरह उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिल कर “Alibaba” कंपनी (उस वक़्त एक स्टार्टअप) की नींव रखी ।
शुरुआती दौर में इस कंपनी का ऑफिस अपना खुद का अपार्टमेंट बनाया । इन दिनों अपने मित्रों के इन्वेस्टमेंट के अलावा उनके पास कोई और पूंजी का माध्यम नहीं था परन्तु बाद में १९९९ तक कुछ दूसरी कंपनियों की मदद से उनका निवेश २५ मिलियन डॉलर और बढ़ गया ।
चीन के लोगो का विश्वास जीतने और उन्हें इंटरनेट पर व्यवसाय करना सिखाने के बाद अब ये कम्पनी दुनिया की वृहदतम कंपनियों में से एक बन चुकी है ।
एक छोटे से गाँव के लड़के का सफ़र जिसके पास खर्च ने के लिए एक रुपया भी नहीं था वो इतनी बड़ी कंपनी को स्थापित करने में सफल हुआ सिर्फ इस वजह से क्योंकि उसमे जज्बा था कुछ कर दिखाने का, उसमे ललक थी कुछ कर जाने की और सबसे जरूरी उसमे जिज्ञासा थी हर वक़्त कुछ नया सीखने की ।
जिस इंसान में तलब है सीखने की उसका सफलता की बुलंदियाँ छूना तय है । वो हजार बार असफल होकर भी एक ना एक दिन सफलता के वो पायदान पर पहुँच जाता है जो हमें असंभव जान पड़ते हैं ।

जैक मा की असफलताओं की सीढियाँ (Failures of Jack Ma)

Jack Ma कोई रातों-रात अचानक से कामयाब नहीं हुए उनकी असफलताओं (Failures) की भी एक लम्बी सूची है । और अगर आपको लगता है कि असफलताएं सिर्फ आपको ही मिलती हैं तो जरा Jack Ma के बारे में ये बातें भी जान लीजिये जो उन्हें एक बड़ा योद्धा बनाती है अपनी असफलताओं से लड़ने के लिए ।
वो प्राइमरी स्कूल में भी फेल हुए – एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार । जब मिडिल स्कूल में पहुंचे तो ये आंकड़ा और बढ़ गया – और वो तीन बार मिडिल स्कूल में भी फेल हुए ।
जैसे-तैसे स्कूल ख़त्म करके कॉलेज में प्रवेश करने का सोचा तो तीन बार एंट्रेंस एग्जाम में फेल हुए । तक़रीबन १० बार हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लिए अप्लाई किया पर हर बार उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया । कॉलेज के बाद भी उनकी हालात सुधरे नहीं और वो लगभग ३० बार जॉब के लिए अप्लाई किया पर जॉब पाने में भी फेल होते गए ।
उसके बाद खुद का बिज़नेस करने का सोचा और उन्हें शुरूआती दो बार फिर बिज़नेस में असफलता ही हाथ लगी । और यही असफलतायें उनकी सफलताओं के द्वार खोलती चली गई, यही असफलताएं उनकी सफलताओं की सीढियाँ बनती गई ।

जैक मा के कुछ प्रेरक विचार (Inspiring Thoughts of Jack Ma)

इससे फर्क नहीं पड़ता कि मैं फेल हो गया । कम से कम मैंने कांसेप्ट को दूसरों को पास किया । यदि मैं सफल नही भी होता हूँ, तो भी कोई और सफल हो जायेगा ।
इससे फर्क नहीं पड़ता कि भूतकाल कितना कठिन है, आपके पास हमेशा वो सपना होना चाहिए जो आपने पहले दिन देखा था । वो आपको प्रेरित रखेगा और आपको बचाएगा ।
जब हमारे पास पैसे होते हैं तब हम गलतियाँ करना शुरू कर देते हैं ।
आप यह नहीं जानते कि आप अपने जीवन में कितना कुछ कर सकते हैं ।
यदि तुमने कभी कोई कोशिश ही नहीं की तो तुमको कैसे पता चलेगा कि कोई मौका है?
युवाओं की मदद करो, अपने से छोटे लोगों की मदद करो क्योंकि छोटे लोग बड़े होंगे । युवाओं के दिमाग में वो बीज होगा जो आप उनमें बोयेंगे और जब वे बड़े होंगे तो वे दुनिया बदल देंगे ।
दूसरों की सफलता से सीखने की बजाय उनकी गलतियों से सीखो । ज्यादातर लोग जो असफल होते हैं उनकी असफलता के कारण समान होते हैं जबकि सफलता की कई वजहें मिल सकती है
याद रखें जल्दी ही, आपको इस बात का अफ़सोस होगा की आपने अपना पूरा समय काम में व्यतीत कर दिया ।
ज़िंदगी बहुत छोटी है और बहुत खूबसूरत, काम के प्रति इतने गंभीर ना रहें । जीवन का आनंद लें ।
हमारे पास कभी भी पैसों की कमी नहीं होती । हमारे पास कमी होती है तो सपने (Dreams) देखने वाले लोगों की ।

तो मित्रों यह थी Jack Ma की Success Story । हमें आशा है की आपको Jack Ma के जीवन से और उनकी इस Hindi Biography से बहुत ही अनमोल सीख हासिल हुई होंगी ।
मैं कामना करता हूँ कि आप भी Jack Ma की तरह असफलताओं के सामने एक योद्धा बनकर डटकर लड़े और विफलताओं को परास्त कर के सफलता का नया इतिहास लिखे ।
अगर आपको Jack Ma की यह Hindi Biography अच्छी लगी हो तो कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुँचाए और सोसिअल मीडिया पर शेयर करे । धन्यवाद । 🙂 🙂

19 Feb 2018

Hindi Article on Giving Excuse

ऐसे लोगों के मुंह से आपको कुछ ऐसी बातें सुनने को मिल जायेंगी….



मुझे मौका नहीं मिला…
घर में पढाई का माहौल नहीं था…
भाग्य ने साथ नहीं दिया…
या ऐसा ही कोई और statement
पर इसके उलट कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने साथ हो रही हर अच्छी-बुरी चीज के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानते हैं, वे fail होने पर कहते हैं-

मैंने मौके का सही फायदा नहीं उठाया…
मुझे और पढाई करनी चाहिए थी…
मैं अपनी मेहनत से अपना भाग्य बदल दूंगा…
या ऐसा ही कोई और statement.
और ऐसे लोग ही जो अपनी असफलता का कोई excuse नहीं देते आगे चलकर सफल होते हैं.

एक आदमी अँधा था पर उसने कभी अंधे होने का excuse नहीं दिया.

एक आदमी बहरा था पर उसने कभी बहरे होने का excuse नहीं दिया.


एक आदमी गरीब था पर उसने कभी गरीब होने का excuse नहीं दिया.

एक आदमी को उस कम्पनी से निकाल दिया गया जिसे उसने अपने खून पसीने से खड़ा किया था…पर उसने निकाले जाने का excuse नहीं दिया.

एक आदमी लगभग दिवालिया हो चुका था पर उसने दिवालिया होने का कभी excuse नहीं दिया.

एक आदमी जिसे बचपन ने टीचर ने मंदबुद्धि कह कर स्कूल से निकाल दिया था उसने कभी मंदबुद्धि होने का excuse नहीं दिया.

वो अँधा आदमी Erik Weihenmayer था जिसने अंधे होने के बावजूद माउंट एवेरेस्ट फ़तेह किया था.

वो बहरा आदमी Ludwig van Beethoven था जिसने दुनिया की कुछ सबसे बेहतरीन म्यूजिक कम्पोज कीं.

वो गरीब आदमी धीरुभाई अम्बानी था जिसने भारत की सबसे बड़ी कंपनी “रिलायंस” बना डाली.

अपनी ही कम्पनी से निकाले जाने वाला आदमी स्टीव जॉब्स था जिसे 1985 में Apple से निकाल दिया गया था और 11 साल बाद 1996 में उसे फिर से कंपनी का CEO बना दिया गया.

वो दिवालिया हो चुका इंसान अमिताभ बच्चन था, जिसने ABCL की नाकामयाबी के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और अपना खोया हुआ साम्राज्य फिर हासिल किया.



और वो आदमी जिसे बचपन में टीचर ने मंदबुद्धि कह कर निकाल दिया था कोई और नहीं दुनिया का महानतम वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन था….

दोस्तों, चाहते तो ये सभी super successful लोग excuse दे सकते थे और आम लोगों की तरह अपनी नाकामयाबी को justify कर सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया वे किसी बहाने के पीछे नहीं छिपे… वे डंटे रहे…उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी लगन और जी-तोड़ परिश्रम से अपने सपनो को साकार किया.

अगर मैं अपनी बात करूँ तो मैं भी अपने दिल की ना सुनने का excuse अपनी job और financial obligations को दे सकता था…पर मैंने कोई बहाना नहीं बनाया… बनाता भी तो किससे?

खुद से!

मैंने जॉब के साथ-साथ ZINDGI KI ABCD found की और दिन-रात इस पर काम करके हिंदी का No. 1 ब्लॉग बना दिया.

मेरी कहानी यहाँ पढ़ें: एक MNC जॉब छोड़ कर फुल टाइम ब्लॉगर बनने की कहानी
अंत में मैं आपसे पूछना चाहता हूँ… आप कैसे इंसान हैं?

Excuse देने वाले या अपनी मेहनत से अपनी किस्मत बदलने वाले?

फैसला आपके हाथ में हैं…मैं तो चला मेहनत करने!

All the best!