4 Mar 2014

हिंदी में कैसे Type करे?



कभी कभी हम फेसबुक या अन्य Social Media पर लोगो को देखते है तो हम भी सोचते है की हम अपने Computer में हिंदी Type कैसे करे. जब मेने Blogging start की थी तब मुझे भी हिंदी Typing नही आती थी पर मेने एक आसान तरीके से हिंदी टाइपिंग सिख ली....
आज में आपको बताऊंगा ही हिंदी को अपने कंप्यूटर में टाइप कैसे करे???
­­­­­ हिन्दी मे लिखना बहुत आसान है,इसके कई तरीके हैः


१) Google Input साफ्टवेयर के द्वारा : यह एक निशुल्क साफ्टवेयर है, यहाँ से डाउनलोड करें, इस साफ्टवेयर द्वारा आप English लिपि मे लिखेंगे तो Automatic ही हिंदी में आ जाएगा, और आपके स्क्रीन पर हिन्दी मे दिखेगा. इसका उपयोग आप कही पर भी कर सकते है, आप किसी भी साफ्टवेयर मे कर सकते है, चाहे वो ब्लाग हो,इमेल हो या किसी कमेन्ट मे.
इसे डाउनलोड करने के लिए यह क्लिक करे और आप अपनी भाषा चुने, फिर
अधिक जानकारी के लिये वैबसाइट देखें. मै अपने ब्लाग लिखने के लिये इसी का प्रयोग करता हूँ.

२) Internet पर उपलब्ध कीबोर्ड : यदि आप कोई भी साफ्टवेयर डाउनलोड नही करना चाहते है, तो इन पन्नो पर मौजूद हिन्दी कीबोर्डस की सहायता से भी आप हिन्दी मे टाइप कर सकते है.

३) अन्य उपाय : इसके अतिरिक्त आप माइक्रोसाफ्ट आफिस या अन्य सॉफ्टवेर में हिन्दी सपोर्ट प्रयोग कर सकते है, इसके लिए आपको KurtiDev नामक फोंड को डाउनलोड कर अपने कंप्यूटर के Control Penal में जाके Font में डाल दे, फिर आप उपयोग कर सकते हो.  इस बात का ध्यान रखें कि जो हिन्दी फोन्ट आप प्रयोग करे, वो UTF-8 काम्पेटिबल हो.

मै समझता हूँ कि उपरोक्त जानकारी आपको हिन्दी मे लिखने मे सहायता करेगी और ख़ुशी भी होगी की आप अपनी मात्रभाषा में लिखने पससंड करोगे…..

यदि आप कोई और सहायता चाहते है तो मुझे कमेंट लिखे, हमे आपकी सहायता करके प्रसन्नता होगी. या फिर आप मुझे मेल भी भेजे... 
मेरी ईमेल id है- bhaveshabvp@gmail.com

अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी तो आप सभी से हाथ जोड़ कर विनती है की इस पेज को फेसबुक या अन्य सभी जगह share करे.., और हमारी मात्रभाषा हिंदी का प्रचार कर देशभक्ति की अनूठी पहल शुरू करे...
धन्यवाद...

2 Mar 2014

निराशा से निकलने और खुद को motivate करने के 16 तरीके


दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि हम भले ही बड़े motivation के साथ कोई काम शुरू करें पर किन्ही कारणों से कुछ समय बाद हम अपना motivation lose कर देते हैं, और वापस track पर आना मुश्किल लगने लगता है. आज Zindgi Ki ABCD पर मैं आपके साथ ऐसी ही state से बाहर निकलने के 16 तरीके share कर रहा हूँ. ये पोस्ट  Leo Babauta ने अपने बेहद popular ब्लॉग Zen Habits पर लिखी है , इसका  title “Get Off Your Butt: 16 Ways to Get Motivated When You’re in a Slump” है और मैं यहाँ इसी पोस्ट का Hindi translation आपके साथ share कर रहा हूँ.

 निराशा से निकलने और खुद को motivate करने के 16 तरीके 


 हममें से सबसे अधिक motivated लोग भी- आप,मैं, Tony Robbins (a self-help expert like Shiv Khera) – कभी -कभार demotivated feel कर सकते हैं. यहाँ तक की , कभी-कभी हम इतना low feel कर सकते हैं  कि positive बदलाव के बारे में सोचना भी बहुत कठिन लगने लगता है.
पर ये निराशाजनक नहीं है: छोटे छोटे steps लेकर आप सकारात्मक बदलाव के रास्ते पर वापस आ सकते हैं.
हाँ , मैं जानता हूँ, कभी कभी ये असंभव लगता है. आपको कुछ करने का मन नहीं करता. मेरे साथ भी ये हुआ है,दरअसल अभी भी समय समय पर मैं ऐसा feel करता हूँ. आप अकेले नहीं हैं . लेकिन मैंने इस निराशा से बाहर निकलने के कुछ तरीके सीख लिए हैं, और हम आज उन्ही पर नज़र डालेंगे.
जब बीमारी , चोट या life में चल रही किसी और समस्या के कारण में व्यायाम नहीं कर पाता तो उसे वापस से शुरू करना कठिन होता है. कई बार, मैं उसके बारे में सोचना भी नहीं चाहता . लेकिन मैं हमेशा उस  feeling से उबरने का कोई ना कोई रास्ता निकाल लेता हूँ, और यहाँ ऐसी ही कुछ बाते हैं जो मेरे लिए मददगार साबित होती हैं.
 1. One Goal  एक लक्ष्य
जब भी मैं  थोडा down हुआ हूँ , मैंने पाया है कि अक्सर ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मेरी life में एक साथ बहुत कुछ चल रहा होता है. मैं बहुत कुछ करने की कोशिश कर रहा होता हूँ. और ये मेरी energy और motivation को ख़तम कर देता है. शायद ये सबसे common mistake है जो लोग करते हैं: वो एक साथ बहुत कुछ करने की कोशिश करते हैं. यदि एक समय में दो या उससे अधिक लक्ष्य achieve करने का प्रयास करते हैं तो आप अपनी  ( लक्ष्य पाने के लिए दो सबसे महत्त्वपूर्ण चीजें ) energy और focus बनाये नहीं रख पाते.  ये संभव नहीं है – मैंने कई बार कोशिश की है. आपको अभी के लिए कोई एक लक्ष्य चुनना होगा, और पूरी तरह से उसपर focus करना होगा. मुझे पाता है ये कठिन है, पर मैं अपने experience से बता रहा हूँ. एक बार आप अपना अभी का निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लें फिर उसके बाद आप अपने बाकी लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं.
2. Find Inspiration प्रेरणा खोजिये
मुझे उन लोगों से प्रेरणा मिलती है जिन लोगों already वो achieve कर लिया है जो मैं करना चाहता हूँ, या वो लोग जो वही कर रहे हैं जो मैं करना चाहता हूँ. मैं औरों के blogs, books,magazines पढता हूँ. मैं अपने goals को Google करता हूँ , और success stories पढता हूँ.  Zen Habits ऐसी ही जगहों में से एक है, सिर्फ मुझसे ही नहीं बल्कि अन्य कई readers से जिन्होंने अद्भुत चीजें प्राप्त की हैं.
3. Get Excited उत्साहित होइए
ये सुनने में बहुत obvious सी बात लगती है, पर ज्यादातर लोग इस बारे में अधिक नहीं  सोचते हैं: अगर आप निराशा से निकलना चाहते हैं, तो किसी लक्ष्य के लिए उत्साहित हो जाइये. पर अगर आप motivated नहीं feel करते हैं तो आप excited कैसे feel करेंगे? Well, इसकी शुरुआत दूसरों से प्रेरणा लेकर होती है, लेकिन आपको दूसरों से उत्साह लेकर उसे अपनी उर्जा में बदलना होगा.मैंने पाया है कि  मैं अपनी wife और अन्य लोगों से बात करके, इस बारे में ज्यादा से ज्यादा पढ़कर, और इसे  visualize (दिमाग  में  goal achieve करने से होने वाले फायदे को देखना ) करके कि  successful होना कैसा लगेगा, excited feel करने लगता हूँ. एक बार ये कर लिया तो बस इसी energy को आगे carry करने और आगे बढ़ने की ज़रुरत रहती है.
4.Build Anticipation अपेक्षा करें
ये सुनने में कुछ कठिन लग सकता है, और अकी लोग इस tip को skip कर देंगे. लेकिन ये सचमुच काम करती है. कई बार असफल प्रयासों के बाद इसी टिप की वजह से मैं cigarette पीना छोड़ पाया.अगर आपको अपना goal achieve करने की प्रेरणा मिल जाती है तो  तुरंत उसे प्राप्त करने का प्रयास ना करें. हममें से कई लोग excited होके आज ही अपना काम शुरू करना चाहेंगे. ये एक गलती है. Future की कोई date set कीजिये – एक या दो हफ्ते बाद , या एक महीना भी  – और उसे अपनी Start Date बनाइये. उसे कैलेण्डर पर mark कर लीजिये. उस date को लेकर उत्साहित होइए. उसे अपने जीवन की  सबसे important date बना लीजिये. इस बीच अपना प्लान बनाइये. और नीचे दिए गए कुछ steps follow कीजिये. क्योंकि अपनी start delay करके आप anticipation build करते हैं और अपने लक्ष्य के प्रति अपनी उर्जा और ध्यान बढाते हैं.
5. Post your goal  अपना लक्ष्य प्रकाशित करें
अपने goal का एक बड़ा सा print निकाल लें. अपना लक्ष्य कुछ ही शब्दों में लिखें , जैसे कोई मन्त्र  (“Exercise 15 mins. Daily”), और उसे अपने दीवार या फ्रिज पर चिपका दें. इसे अपने घर में अपने office में लगा लें उसे अपने computer के desktop पर लगा लें. आप अपने goals के लिए बड़े reminders लगाना चाहते हैं , ताकि  आप अपने goal पर focus कर पाएं और उसे लेकर excited रह पाएं. अपने goal से सम्बंधित कोई picture लगाना भी  helpful हो सकता है  (like a model with sexy abs, for example).
6.Commit Publicly सार्वजनिक रूप से प्रतिज्ञा लीजिये 
कोई भी दूसरों के सामने बुरा नहीं दिखना चाहता है . जो बात हमने publicly कही है उसे करने के लिए हम extra effort करते हैं. For example, जब मैं अपनी पहली मैराथन दौड़ दौड़ना चाहता था , तब मैंने अपने  local newspaper में इस बारे में एक column लिखना शुरू कर दिया. Guam की पूरी आबादी मेरे इस goal के बारे में जान गयी. अब मैं पीछे नहीं हट सकता था , हालांकि मेरी motivation कम -ज्यादा होती रही पर मैं इस goal को पकडे रहा और दौड़ complete की.आपको किसी newspaper में अपना goal commit करने की ज़रुरत नहीं है , पर आप इसे अपने family,friends, और co-workers से बता सकते हैं, और यदि आपका कोई blog है तो उसपर भी इस बारे में लिख सकते हैं.और खुद को जिम्मेदार ठेराइये – केवल एक बार commit मत करिए , बल्कि अपने progress के बारे में सभी को हर हफ्ते या महीने update करने के लिए भी commit करिए.
7. Think about it daily इस बारे में रोज़ सोचिये
यदि आप रोज़ अपने लक्ष्य के बारे में सोचते हैं तो उसके पूर्ण होने की संभावना कहीं अधिक है. इसीलिए अपने लक्ष्य को दीवार पर या desktop पर लगाना मददगार होता है . हर रोज़ खुद को reminder भेजना भी helpful होता है. और अगर आप रोज बस पांच मिनट भी ये छोटा सा काम करेंगे तो ये लगभग तय है की आपका लक्ष्य पूर्ण होगा.
8. Get Support.  मदद लीजिये
अकेले कुछ हांसिल करना कठिन होता है. जब मैंने मैराथन में दौड़ने का निश्चय किया था , तो मेरे साथ दोस्तों और परिवार का support था, और साथ ही Guam में दौड़ने वालों की एक अच्छी community भी थी  जो मेरे साथ दौड़ते थे और मुझे encourage करते थे. जब मैंने smoking quit करनी चाही तो मैंने एक online forum join कर लिया , जो मेरे लिए बहुत helpful रहा. और इस काम में मेरी wife Eva  ने हर कदम पर मेरा साथ दिया. मैं उसकी और अन्य लोगों की मदद के बिना ऐसा नहीं कर पाता. अपना support network खोजिये , अपने आस-पास  या online या दोनों जगह.
9. Realize that there’s an ebb and flow इस बात को समझिये की उतार-चढ़ाव आते रहते हैं
Motivation कोई ऐसी चीज नहीं है जो हमेशा आपके साथ रहे. ये आती है , जाती है और फिर आती है, ज्वार की तरह . इस बात को समझिये की भले ही ये चली जाए , पर वो हमेशा के लिए नहीं चली जाती . Motivation वापस आती है.  बस अपने लक्ष्य से जुड़े रहिये और motivation के वापस आने का इंतज़ार कीजिय. इस दौरान अपने लक्ष्य के बारे में पढ़िए , दूसरों से मदद मांगिये , और यहाँ बताई अन्य  कुछ चीजें कीजिये जब तक की आप का motivation वापस ना आ जाये.
10. Stick with it. लगे रहिये
आप चाहे जो कुछ भी करिए , पर हार नहीं मानिए. भले आप आज या इस हफ्ते बिलकुल  ही motivated ना feel कर रहे हों , पर अपना लक्ष्य छोड़िये नहीं. आपकी motivation फिर वापस आएगी . अपने लक्ष्य को एक लम्बी यात्रा की तरह देखिये , और बीच में जो demotivation  आता है वो महज़ एक speed-breaker है. छोटी मोती बाधाएं आने पर  आप यात्रा नहीं छोड़ते. लम्बे समय तक अपने लक्ष्य के साथ जुड़े रहिये , उतार-चढ़ाव पार कीजिये और आप वहां पहुँच जायेंगे.
11.Start small. Really small छोटे, बहुत छोटे से शुरुआत कीजिये
अगर आपको शुरुआत करने में दिक्कत  हो  रही है तो शायद इसकी वजह ये है की आप बहुत बड़ा सोच रहे हैं. यदि आप व्यायाम करना चाहता हैं, तो शायद आप सोच रहे हों की हफ्ते में पांच दिन intensely workout करना है. नहीं – इसकी जगह छोटे-छोटे baby steps लीजिये. सिर्फ दो मिनट व्यायाम कीजिये. मुझे पता है ये आपको अटपटा लग रहा होगा. ये इतना आसान है, आप fail नहीं हो सकते. पर आप इसे करिए . बस कुछ crunches, 2 pushups, और वहीँ थोड़ी सी jogging. जब आपने एक हफ्ते तक ये २ मिनट तक कर लेंगे , तो इसे बढाकर पांच मिनट कर दीजिये , और एक हफ्ते तक इसे कीजिये. एक महीने में आप 15-20 मिनट करने लगेंगे. सुबह जल्दी उठाना चाहते हैं ? सुबह पांच बजे उठने का मत सोचिये, इसकी जगह आप एक हफ्ते तक बस 10 मिनट पहले उठिए . एक बार आपने ये कर लिया , तो 10 मिनट और जल्दी उठिए. Baby Steps.
12.Build on small successes छोटी छोटी उपलब्धियों के साथ आगे बढिए
एक बार फिर , अगर आप एक हफ्ते तक छोटे लक्ष्य के साथ शुरू करेंगे तो आप सफल होंगे. अगर किसी बेहद आसान चीज से शुरुआत करेंगे तो आप fail नहीं हो सकते. भला कौन दो मिनट तक exercise नहीं कर सकता? ( यदि आप वो हैं, तो मैं माफ़ी मांगता हूँ) और आप successful feel करेंगे , आपको अन्दर से अच्छा लगेगा. इसी feeling के साथ और छोटे-छोटे steps लेते  जाइये . For example : अपनी exercise routine में दो-तीन मिनट add करिए. हर एक step के साथ (और हर स्टेप कम से कम एक हफ्ते चलना चाहिए), और आप और भी successful feel करेंगे. हर एक स्टेप बहुत बहुत छोटा रखिये और आप fail नहीं होंगे. दो महीने बाद , आपके छोटे छोटे कदम आपको बहुत सारी progress और success दिलाएंगे
13.Read about it daily. रोज़ इसके बारे में पढ़ें
जब मैं अपना motivation lose करता हूँ , मैं अपने लक्ष्य से सम्बंधित कोई किताब या ब्लॉग पढता हूँ. ये मुझे प्रेरित करता है और मुझे दृढ बनता है. किसी वजह से आप जो कुछ भी पढ़ते हैं वो आपको उस विषय में प्रेरित करता है और आपका ध्यान केन्द्रित करने में मदद करता है. इसलिए अगर आप पढ़ सकते हैं तो रोज़ अपने लक्ष्य के बारे में पढ़िए , खासतौर से तब जब आप motivated ना feel कर रहे हों.
14.Call for help when your motivation ebbs  जब प्रेरणा कम हो तब मदद मांगिये
समस्या है? मदद मांगिये. मुझे email करिए. कोई online forum join करिए. अपने लिए कोई partner खोजिये. अपनी माँ को call कीजिये. इससे मतलब नहीं है की सामने वाला कौन है , बस अपनी समस्या बताइए , इस बारे में बात करना आपके लिए helpful होगा. उनकी advice मांगिये . उनसे आपको demotivated state से निकालने के लिए मदद करने के लिए कहिये. ये काम करता है.
15.Think about the benefits, not the difficulties. फायदों के बारे में सोचिये परेशानियों के बारे में नहीं
एक common problem है कि हम ये सोचते हैं कि कोई चीज कितनी कठिन है . Exercise करना बहुत कठिन लगता है ! इसके बारे में सोचना ही आपको थका देता है.पर ये सोचना कि बजाये की कोई चीज कितनी कठिन है , ये सोचिये की उसके कितने फायदे हैं.   For Example, ये सोचने की  जगह कि  व्यायाम करना कितना कठिन है;आप ये सोचिये की ये करने के बाद आप कितना अच्छा feel करेंगे, और long run में आप कितने healthier और slimmer होंगे. किसी चीज के फायदे आपको energize कर देंगे.
16.Squash negative thoughts; replace them with positive ones. नकारात्मक विचारों को त्यागिये और उन्हें सकारात्मक विचारों से बदल दीजिये
अपने विचारों को monitor करना ज़रूरी है. आप जो negative self-talk करते हैं, जो दरअसल आपको demotivate कर रहा है  उसे पहचानिए. कुछ दिन बस ये जानने में बिताइए कि आपके अन्दर कौन कौन से नकारात्मक विचार हैं, और फिर कुछ दिनों  बाद उन्हें एक bug की तरह अपने अन्दर से निकालिए , और फिर उन्हें corresponding positive thought से replace कर दीजिये . अगर आप सोचते हैं कि ,” ये बहुत कठिन है” तो उसे ” मैं ये कर सकता हूँ” से बदल दीजिये . अगर वो Leo इसे कर सकता है , तो मैं भी! ये कुछ अटपटा सुने देता है , पर ये काम करता है. सचमुच.
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Note: इस  article को  Hindi में  translate कर  के  Zindgi ki ABCD पर  डालना  किसी   copyright का  उल्ल्हंघन  नहीं  है  क्योंकि  इसकी  अनुमति Leo Babauta ने  पहले  से  दे  रखी  है .
Note : Despite taking utmost care there could be some mistake in Hindi translation of  “Get Off Your Butt: 16 Ways to Get Motivated When You’re in a Slump”
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कैसे पाएं Negative Thoughts से छुटकारा ?


दोस्तों कई बार ऐसा होता है कि हम खुद ही अपनी happiness या success के मार्ग में रोड़ा बन जाते हैं. और कई मामलों  में  तो हमें इस बात का पता भी नहीं होता. बार-बार मन में एक ही या कई नकारात्मक विचारों का आना एक ऐसा ही रोड़ा है.
For Example: यदि आपके मन में विचार आता है कि ,” मैं भद्दा दीखता हूँ”, या ,”मेरा पति मुझसे प्यार नहीं करता.”, या “मुझे अंग्रेजी नहीं आती.”, या ,” मेरा IQ कम है” इत्यादि , तो कहीं ना कहीं ये आपके personal development में hurdle बन रहे हैं.
आज Zindgi ki ABCD पर हम ऐसे ही विचारों से निजात पाने  के  एक बहुत ही effective process के बारे में जानेंगे. इसके बारे में मैंने Steve Pavlina के  article How to Squash Negative Thought Patterns में  पढ़ा था,और यहाँ पर मैं आपके साथ उसी का Hindi translation share कर रहा हूँ.


  Negative Thoughts से कैसे छुटकारा पाएं ?
Suppose करिए कि आपकी बार-बार एक ही negative thought को सोचने की बुरी आदत है. और suppose करिए कि असल दुनिया में उस सोच की कोई अभिव्यक्ति नहीं है. वो बस एक नकारात्मक सोच है , जैसे ” मैं बहुत depressed हूँ” या ” मुझे अपनी नौकरी से नफरत है” या ” मैं ये नहीं कर सकता” या “मुझे अपने मोटापे से नफरत है.” आप किसी  बुरी आदत से कैसे छुटकारा पायेंगे जब वो पूरी तरह से आपके दिमाग में हो ?
असल में negative thought pattern को बदलने के बहुत सारे तरीके हैं. Basic idea ये है कि पुराने thought pattern को नए से replace कर दिया जाए. मानसिक रूप से नकारात्मक सोच का विरोध करना उल्टा पड़ सकता है- आप इसे और मजबूत करते जायेंगे और स्थिति बदतर हो जाएगी. आप जितना अपने neurons को उसी दिशा में fire करेंगे, आपकी नकारात्मक सोच उतनी ही शशक्त होती जायेगी.
यहाँ एक तरीका है जो मैं अपने negative thought patterns को break करने के लिए use करता हूँ.  ये basically एक memory technique जिसे ‘chaining’ कहते हैं से मिला जुला कर बना है. ये तरीका मेरे लिए बहुत सही काम करता है.
Negative Thought pattern का विरोध करने का प्रयास करने की बजाये आप इसकी दिशा बदल दीजिये. इसे आप एक mental kung fu की तरह से समझिये. नकारात्मक सोच की उर्जा को लीजिये और उसे सकारात्मक सोच की तरफ मोड़ दीजिये. थोड़ी सी mental conditioning के साथ जब भी आपके दिमाग में negative thought आएगी , आपका दिमाग खुद बखुद positive thought की तरफ divert हो जाएगा. ये Pavlov’s dogs की तरह है जो घंटी बजने पर लार टपकाना सीख जाते हैं.
ये ऐसे काम करता है:
मान लीजये आपकी negative thought एक subvocalization है, मतलब आपको अन्दर से एक आवाज़ सुनाई देती है जिसे आप बदलना चाहते हैं , जैसे कि, ” मैं idiot हूँ”. अगर आपकी negative thought एक आवाज़ होने की बजाये एक mental image (कोई चित्र जो दिमाग में आता हो) या  kinesthetic ( कोई अन्दर होने वाला एहसास
) हो तो भी आप इस process को use कर सकते हैं. कई मामलों में आपका विचार इन तीनों का combination भी हो सकता है.

Step 1: अपनी negative thought को एक mental image में बदल लें.

उस आवाज को सुनिए और दिमाग में उसकी एक तस्वीर बना लीजिये.For Example, यदि आपकी सोच है कि , “मैं idiot हूँ”, तो कल्पना कीजिये कि आप मूर्खतापूर्ण कपडे पहने और जोकरों वाली टोपी लगाकर इधर उधर कूद रहे हैं. आपके चारो तरफ लोग खड़े हैं जो आपकी तरफ ऊँगली दिखा रहे हैं और आप चिल्ला रहे हैं, “मैं idiot हूँ” आप इस scene को जितना बढ़ा चढ़ा कर देखेंगे उतना बेहतर है . चटक रंगों, खूब सारे animation,यहाँ तक कि आप कुछ sex से भी सम्बंधित सोच सकते हैं यदि ये आपको याद रखने में मदद करे. इस scene को बार-बार तब तक practice करते रहिये जब तक महज वो negative line सोचने भर से आपके दिमाग में आपकी कल्पना की हुई negative mental image ना आने लगे.
यदि आपको उस विचार का चित्रण करने में दिक्कत हो तो आप उसे एक आवाज़ का भी रूप दे सकते हैं. अपनी negative thought को एक आवाज़ में बदल लें , जैसे कि कोई धुन जिसे आप गुनगुनाते हों. इस प्रोसेस follow करने में को चाहे एक  sound की कल्पना करें या किसी चित्र की , दोनों ही तरह से ये काम करेगा. वैसे मैं किसी चित्र के बारे में कल्पना करना prefer करता हूँ.
 Step 2: उस negative thought को replace करने के लिए कोई powerful positive thought चुनें.
अब decide करिए की negative thought को replace करने के लिए आप कौन सी positive thought चुनेंगे. जैसे कि यदि आप ये सोचते रहते हैं कि, ” मैं idiot हूँ,” तो शायद आप उसे , “मैं brilliant हूँ.” से replace करना चाहेंगे. कोई ऐसी सोच चुनिए जो आपको कुछ इस तरह से शशक्त बनाए कि आप उस negative thought के असर को कमजोर बना पाए.

Step 3: अब अपनी positive thought को एक mental image में बदल लें

एक बार फिर से Step 1 की तरह ही अपनी positive thought के लिए एक mental image बना लें. जैसे कि उदाहरण में ली गयी सोच  “में brilliant हूँ” के लिए आप खुद को Superman की तरह दोनों हाथ कमर पर रख कर खड़ा हुआ होने की कल्पना कर सकते हैं.और आप सोच सकते हैं कि ठीक आपके सर के ऊपर एक bulb जल रहा है. Bulb बहुत तेज रौशनी के साथ जगमगा रहा है, और आप जोर से चीख रहे हैं, ” मैं bbbbrrrrrillllliannnnttt हूँ !”. इसकी practice तब तक करते रहिये जब तक महज वो positive line सोचने भर से आपके दिमाग में आपकी कल्पना की हुई positive mental image ना आने लगे.

Step 4: अब दोनों mental images को एक साथ जोड़ दीजिये.

आपने Step 1 और Step 3 में जो mental image सोची है , दोनों को अपने दिमाग में चिपका दीजिये. ये trick chaining नामक memory technique में प्रयोग होती है. इसमें आप पहले चित्र को दुसरे में परिवर्तित कर देते हैं. मेरा सुझाव है कि आप इस एक animated movie की तरह करिए. इसमें आपको पहला (negative picture) और आखिरी (positive picture) scene का अंदाजा है, बस आपको बीच में एक छोटा सा एनीमेशन भरना है.
For example, पहले scene में  आपके idiot version पर कोई एक light bulb फेंकता है.और आप उस बल्ब को कैच कर लेते हैं और  आपके पकड़ते ही वो बल्ब बड़ा होने लगता है और उससे इतनी तेज रौशनी निकलती है कि आपको घेरे हुए लोग चौंधिया जाते हैं. तब आप अपने मूर्खतापूर्ण कपड़ों को फाड़ कर फेंक देते हैं और चमचमाते सफ़ेद लिबास में प्रकट होते हैं. आप Superman की तरह पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े होकर जोर से चिल्लाते हैं, ” ” मैं bbbbrrrrrillllliannnnttt हूँ !”और फिर वो लोग अपने घुटनों के बल बैठ जाते हैं और आपकी पूजा करने लगते हैं. एक बार फिर , आप इसे जितना बढ़ा-चढ़ा कर सोचेंगे उतना अच्छा होगा. बढ़ा-चढ़ा कर सोचना आपको scene को याद रखें में मदद करेगा क्योंकि हमारा दिमाग unusual चीजों को याद रखने के लिए designed होता है.
एक बार जब आप पूरा scene complete कर  लें तो फिर बाद-बाद इसे अपने दिमाग में दोहरायें ताकि speed आ जाये. इस  scene को शुरू से अंत तक तब तक imagine करते रहिये जब तक कि आप पूरा का पूरा scene 2 मिनट में complete नहीं कर लेते, ideally 1 मिनट में. ये बिजली की तेजी से होना चाहिए, वास्तविक दुनिया से कहीं तेज.

 Step 5: Test.

अब आपको अपने mental redirect को टेस्ट करना है कि ये काम कर रहा है कि नहीं. ये बहुत हद्द तक HTML redirect की तरह है – जब आप पुराना negative URL input करते हैं, तब आपका दिमाग उसे automatically positive की तरफ  redirect कर देता है.Negative thought के  दिमाग में आते ही तुरन्त positive thought आपके दिमाग में आ जानी चाहिए. अगर आपने ये सही से practice किया है तो ये automatically होने लगेगा. Negative thought दिमाग में आते ही पूरा का पूरा scene आपके दिमाग में घूम जायेगा. इसलिए आप जब भी ये सोचेंगे कि , ” मैं idiot हूँ “, भले आप पूरी तरह से aware ना हो कि आप ऐसा सोच रहे हैं, आप अंत में खुद को ये सोचता हुआ पायेंगे कि, “मैं brilliant हूँ”
अगर आपने पहले ऐसा visualization नहीं किया है तो आपको ये सब करने में कुछ समय लगेगा. Speed practice के साथ आएगी. एक बार अभ्यास हो जाने के बाद सारी चीजें सेकेंडों में हो जाएँगी. पहली बार करने में चीजें धीमी गति से होंगी,इससे discourage मत  होइए . किसी भी और skill की तरह इसे भी learn किया जा सकता है,और शायद पहली बार सीखने में ये आपको ये कुछ अटपटा लगे.
मेरा सुझाव है कि आप अलग-अलग तरह की कल्पना के साथ experiment करिए. आपको कुछ कल्पनाएँ बाकियों से सही लगेंगी. Association Vs. Dissociation पर ख़ास ध्यान दीजिये. जब आप किसी scene से associated होंगे तो आप उसे अपनी आँखों से घटता हुआ देखेंगे( i.e. first person perspective). जब आप dissociated होंगे तो आप उस scene में खुद को देखने की कल्पना करेंगे ( i.e. third person perspective). आम  तौर  पर मुझे best results खुद को dissociate करने पर मिलते हैं. आपके results अलग हो सकते हैं.
मैंने 1990s की शुरआत में इस तरह की काफी mental conditioning की है. जब भी मुझे इस तरह की कोई नकारात्मक सोच परेशान करती थी तो मैं उसे चुनता था और उसकी दिशा बदल देता था.कुछ ही दिनों में मैंने दर्जनों negative thought patterns को reprogram कर दिया था, और कुछ ही दिनों में मेरे दिमाग के लिए negative thought या emotion produce करना भी कठिन हो गया. ऐसी कोई भी सोच positive सोच की तरफ redirect हो जातीं.शायद कुछ हद तक इसीलिए मैं college से निकलने के तुरंत बाद अपन business start करने में पूरा confident था.मैं mental conditioning के माध्यम से अपनी self-doubt सम्बंधित thoughts को can-do mindset में बदल देता था. कालेज के दिनों में मैंने इसका खूब प्रयोग किया और शायद इसी वजह से मैंने औरों से जल्दी graduate हो पाया.इसके बावजूद मुझे कई real-world challenges को face करना पड़ा, पर कम से कम मैं उस समय खुद के self-doubt से नहीं लड़ रहा था.
इस तरह की mental conditioning ने मुझे अपने अंदरुनी मामलों को control करने में काफी सहायता की.आज मैं ये इतना भली-भांति कर लेता हूँ कि बिना इसके बारे में सोचे ही ये automatically होता रहता है. किसी point पर मेरे subconscious ने इसका कंट्रोल ले लिया; इसलिए जब कभी मेरे मन कोई ऐसा विचार आता है कि , “I can’t” तो वो स्वतः ही ,”How can I?” में परिवर्तित हो जाता है. दरअसल जब आप mental conditioning को बहुत ज्यादा practice कर लेते हैं तो यही होता है- आपका subconscious कंट्रोल ले लेता है;ठेक विअसे ही जैसे कि साइकिल चलाने की practice के बाद हो जाता है.
अब जब कभी आपको लगे कि कोई negative thought आपके दिमाग में घर कर रही हो तो इसे try कीजिये. मेरे विचार है कि आप इसे काफी सशक्त बनाने वाला पाएंगे. और जिन्हें इससे फायदा पहुँच सकता है उनके साथ जरूर share करिए.
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