29 Dec 2013

स्वामी विवेकानंद के सुविचार




  • उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी  सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • बाहरी  स्वभाव  केवल  अंदरूनी   स्वभाव  का  बड़ा  रूप  है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.

 Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • विश्व एक व्यायामशाला है  जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा , और परमात्मा उसमे बसेंगे.

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • तुम  फ़ुटबाल  के  जरिये  स्वर्ग  के  ज्यादा  निकट  होगे  बजाये  गीता  का  अध्ययन  करने  के .

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • दिल  और  दिमाग  के  टकराव  में  दिल  की  सुनो .

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • किसी  दिन  , जब  आपके  सामने  कोई   समस्या  ना  आये  – आप  सुनिश्चित  हो  सकते  हैं  कि  आप  गलत  मार्ग  पर  चल  रहे  हैं .

Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • स्वतंत्र  होने  का  साहस  करो . जहाँ  तक  तुम्हारे  विचार  जाते  हैं  वहां  तक  जाने  का  साहस  करो , और  उन्हें  अपने  जीवन  में  उतारने  का  साहस  करो .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद

  • किसी  चीज  से  डरो मत . तुम  अद्भुत  काम  करोगे . यह  निर्भयता  ही  है  जो   क्षण  भर  में  परम  आनंद  लाती  है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • मनुष्य   की  सेवा   करो . भगवान  की  सेवा  करो .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • मस्तिष्क   की  शक्तियां  सूर्य  की  किरणों  के  समान  हैं . जब  वो  केन्द्रित  होती  हैं ; चमक  उठती  हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • आकांक्षा , अज्ञानता , और  असमानता  – यह  बंधन  की  त्रिमूर्तियां  हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • यह  भगवान  से  प्रेम  का  बंधन  वास्तव  में ऐसा है  जो  आत्मा  को  बांधता  नहीं  है  बल्कि  प्रभावी  ढंग  से  उसके  सारे  बंधन  तोड़  देता  है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • कुछ  सच्चे , इमानदार  और  उर्जावान  पुरुष  और  महिलाएं ;  जितना  कोई  भीड़  एक  सदी  में  कर  सकती  है  उससे  अधिक  एक  वर्ष  में  कर  सकते  हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • जब  लोग  तुम्हे  गाली  दें  तो  तुम  उन्हें  आशीर्वाद  दो . सोचो  , तुम्हारे  झूठे  दंभ  को  बाहर निकालकर  वो  तुम्हारी  कितनी  मदद  कर  रहे  हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानं


  • खुद  को  कमजोर  समझना  सबसे  बड़ा  पाप  है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • धन्य   हैं  वो  लोग  जिनके  शरीर  दूसरों  की  सेवा  करने  में  नष्ट   हो  जाते  हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद


  • श्री  रामकृष्ण   कहा  करते  थे ,” जब  तक  मैं  जीवित  हूँ , तब  तक  मैं  सीखता  हूँ  ”. वह  व्यक्ति  या  वह  समाज  जिसके  पास  सीखने  को  कुछ  नहीं  है  वह  पहले  से  ही  मौत  के  जबड़े  में  है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद






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