25 May 2014

Narendra Modi – गुजरात के मुख्यमंत्री से हिन्दुस्तान के प्रधानमन्त्री


नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय
गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री और भाजपा के लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गांव वादनगर, उत्तरी गुजरात के एक साधारण मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. लेकिन उन्हें एक समृद्ध संस्कृति धरोहर के रूप में मिली थी. वादनगर के एक स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद, गुजरात यूनिवर्सिटी से नरेंद्र मोदी ने राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. नरेंद्र मोदी का कहना है कि कारगिल युद्ध के समय उन्होंने स्वयंसेवी के तौर पर आर्मी के जवानों को सहायता मुहैया करवाई थी. युवावस्था में ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ग्रहण कर नव निर्माण नामक आंदोलन का हिस्सा बन गए थे. इस संगठन के साथ सक्रियता से काम करने के बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में मनोनीत किया गया. वर्तमान में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के देशभक्त दक्षिणपंथी मोर्चे के सदस्य हैं.

नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व
नरेंद्र मोदी के मस्तिष्क में बचपन से ही राष्ट्रभावना विद्यमान थी. भारत-पाक युद्ध हो या कोई प्राकृतिक आपदा, हर मुश्किल के समय उन्होंने स्वयंसेवी के रूप में समाज सेवा करना अपना कर्तव्य समझा. वह एक प्रगतिशील और व्यावहारिक व्यक्तित्व वाले नेता हैं.

नरेंद्र मोदी का राजनैतिक सफर
नरेंद्र मोदी स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही आरएसएस जैसे हिंदूवादी संगठन का हिस्सा बन गए थे. आरएसएस के साथ अपने कार्यकाल के दौरान नरेंद्र मोदी ने विभिन्न क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनमें तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी का शोकजनक काल सबसे प्रमुख है. इस दौरान नागरिकों के मानवाधिकारों का हनन होने पर नरेंद्र मोदी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर प्रचारक के तौर पर अपने दल की नीतियों और जरूरत को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया. भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बनने के बाद दल के भीतर मोदी की छवि एक कुशल रणनीतिकार की बन गई थी. वर्ष 1990 में जब गठबंधन की सरकार बनने के बाद भाजपा को केंद्रीय सत्ता में आने का मौका मिला तब पार्टी की लोकप्रियता बढ़ने लगी. लेकिन कुछ समय चली इस सरकार ने भाजपा और नरेंद्र मोदी को मजबूत राजनैतिक आधार प्रदान कर दिया था. दो-तिहाई बहुमत के साथ गुजरात में भाजपा ने वर्ष 1995 के चुनाव जीत लिए. तब से लेकर अब तक गुजरात में भाजपा का ही एकाधिकार है. केशुभाई पटेल के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए नरेंद्र मोदी को पार्टी को महासचिव बनाकर दिल्ली भेजा गया. वर्ष 1995 मोदी के राजनैतिक सफर के लिए बहुत महत्वपूर्ण था. महासचिव रहते हुए पहली बार किसी युवा नेता को देश के पांच बड़े राज्यों में पार्टी का प्रभारी बनाया गया था. राष्ट्रीय स्तर पर काम करते हुए नरेंद्र मोदी को उत्तर-पूर्वी और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्यों में पार्टी के संचालन का कार्यभार प्रदान किया गया.. वर्ष 2001 में केशुभाई पटेल को हटाए जाने के बाद नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से गुजरात के मुख्यमंत्री का पद सौंपा गया.



नरेंद्र मोदी का योगदान
गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए नरेंद्र मोदी ने पार्टी और अपने राज्य में बहुत लोकप्रियता हासिल कर ली. उन्हें एक प्रगतिशील नेता के रूप में पहचान भी मिली.

  • जिस समय नरेंद्र मोदी को गुजरात का प्रभार सौंपा गया, उस समय गुजरात आर्थिक और सामाजिक दोनों ही क्षेत्र में बहुत पिछड़ा हुआ था. नरेंद्र मोदी के उत्कृष्ट प्रयासों द्वारा गुजरात ने उनके पहले कार्यकाल के दौरान ही सकल घरेलू उत्पाद में 10% तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
  • गुजरात के एकीकृत विकास के लिए नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं को भी लागू किया, जिसमेंपंचामृत योजना सबसे प्रमुख है.
  • जल संसाधनों का एक ग्रिड बनाने के लिए नरेंद्र मोदी ने सुजलाम सुफलाम नामक योजना का भी संचालन किया जो जल संरक्षण के क्षेत्र में बहुत प्रभावी सिद्ध हुई है.
  • कृषि महोत्सव, बेटी बचाओ योजना, ज्योतिग्राम योजना, कर्मयोगी अभियान, चिरंजीवी योजना जैसी विभिन्न योजनाओं को भी नरेंद्र मोदी द्वारा लागू किया.
  • जनवरी 2001 में आए भयंकर भूचाल में सबसे ज्यादा नुकसान गुजरात के भुज शहर को ही हुआ. भुज एक कमजोर नींव पर बने मकानों वाला शहर है. इस भूकंप ने पूरे शहर को तितर-बितर कर दिया. नरेंद्र मोदी ने अपने प्रयासों द्वारा आपदा प्रबंधन और पुनर्वास के लिए बहुत कार्य किए. प्रभावी प्रयासों के लिए नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उत्कृष्ट योगदान के लिए योग्यता पत्र भी प्रदान किया गया.

नरेंद्र मोदी से जुड़े विवाद
नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात दंगों में शामिल होने का आरोप जुड़ा हुआ है. उन्हें हिंदू-मुसलमानों की आपसी भावनाओं को भड़काने और दंगों में कोई प्रभावी कदम ना उठाने जैसे कई आरोपों का सामना करना पड़ रहा है. दंगों के बाद सभी विपक्षी पार्टियों ने मोदी से इस्तीफा देने की मांग कर डाली. वर्ष 2009 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक विशेष जांच टीम का गठन कर उसे गुजरात दंगों की वजह और अभियुक्तों की पड़ताल करने का काम दिया गया. लेकिन SIT  की रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी के विरुद्ध सबूत ना होने का हवाला दिया गया. जिसके बाद मोदी को क्लीन चिट मिल गई. हालांकि कई अखबारों ने यह मुद्दा उठाया कि अपनी पहुंच का प्रयोग कर मोदी इस आरोप से मुक्त हुए हैं. उन्होंने दंगों को रोकने के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाए, इतना ही नहीं उन्होंने मुसलमानों की हत्या को भी जायज ठहराया है. बीजेपी ने इसे कांग्रेस की साजिश बता आरोप को नकार दिया.

नरेंद्र मोदी को दिए गए सम्मान
  • 2006 और 2007 में हुए एक देशव्यापी सर्वे के आधार पर इंडिया टुडे पत्रिका ने दोनों बार नरेंद्र मोदी को ही सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री चुना
  • 2009 में एफडीआई पत्रिका ने सभी एशियाई देशों में से नरेंद्र मोदी को एफडीआई पर्सनैलिटी का खिताब प्रदान किया.
  • वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के दौरान अनिल अंबानी ने नरेंद्र मोदी को भारत के अगले नेता के रूप में संबोधित किया.
  • गुजरात में आए भूकंप में राहत कार्य और आपदा प्रबंधन के सफल प्रयासों के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा नरेंद्र मोदी को योग्यता पत्र प्रदान किया गया.
लाल कृष्ण आडवाणी के शागिर्द माने जाने वाले नरेंद्र मोदी एक कुशल और व्यवहारिक मुख्यमंत्री हैं. इस मुकाम पर वह अपने कठोर परिश्रम और मेहनत के बूते पर ही पहुंचे हैं. समाज की उन्नति और विकास के लिए वह हमेशा प्रयासरत रहते हैं.



लोक सभा चुनाव २०१४ में मोदी की स्थिति

न्यूज़ एजेंसीज व पत्रिकाओं द्वारा किये गये तीन प्रमुख सर्वेक्षणों ने नरेन्द्र मोदी को प्रधान मन्त्री पद के लिये जनता की पहली पसन्द बताया है एसी वोटर पोल सर्वे के अनुसार नरेन्द्र मोदी को पीएम पद का प्रत्याशी घोषित करने से एनडीए के वोट प्रतिशत में पाँच प्रतिशत के इजाफ़े के साथ १७९ से २२० सीटें मिलने की सम्भावना व्यक्त की गयी। सितम्बर २०१३ में नीलसन होल्डिंग और इकोनॉमिक टाइम्स ने जो परिणाम प्रकाशित किये थे उनमें शामिल शीर्षस्थ १०० भारतीय कार्पोरेट्स में से ७४ कारपोरेट्स ने नरेन्द्र मोदी तथा ७ ने राहुल गान्धी को बेहतर प्रधानमन्त्री बतलाया था। चुनावों की समीक्षा करते हुए राजनीति विज्ञानी आशुतोष वार्ष्णेय की यह टिप्पणी थी कि बीजेपी को अन्य पार्टियों के साथ मिलकर और अधिक बड़े गठबन्धन की कोशिश करनी चाहिये थी जिसमें वह अभी तक कामयाब नहीं हो सकी है। नोबुल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन मोदी को बेहतर प्रधान मन्त्री नहीं मानते ऐसा उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था। उनके विचार से मुस्लिमों में उनकी स्वीकार्यता संदिग्ध हो सकती है जबकि जगदीश भगवती और अरविन्द पानगढिया को मोदी का अर्थशास्त्र बेहतर लगता है। योग गुरु स्वामी रामदेव व मुरारी बापू जैसे कथावाचक नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत का भविष्य सुरक्षित समझते हैं।
पार्टी की ओर से पीएम प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद नरेन्द्र मोदी ने पूरे भारत का भ्रमण किया। इस दौरान तीन लाख किलोमीटर की यात्रा कर पूरे देश में ४३७ बड़ी चुनावी रैलियाँ, ३-डी सभाएँ व चाय पर चर्चा आदि को मिलाकर कुल ५८२७ कार्यक्रम किये। चुनाव अभियान की शुरुआत उन्होंने २६ मार्च २०१४ को मां वैष्णो देवी के आशीर्वाद के साथ जम्मू से की और समापन मंगल पाण्डे की जन्मभूमि बलिया में किया। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात भारत की जनता ने एक अद्भुत चुनाव प्रचार देखा। यही नहीं, नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने दो हजार चौदह के चुनावों में अभूतपूर्व सफलता भी प्राप्त की।
चुनाव में जहाँ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ३३६ सीटें जीतकर सबसे बड़े संसदीय दल के रूप में उभरा वहीं अकेले भारतीय जनता पार्टी ने २८२ सीटों पर विजय प्राप्त की। काँग्रेस केवल ४४ सीटों पर सिमट कर रह गयी और उसके गठबंधन को केवल ५९ सीटों से ही सन्तोष करना पड़ा। फ़िलहाल वे स्वतन्त्र भारत में जन्म लेने वाले ऐसे व्यक्ति हैं जो विगत २००१ से लगातार १४ साल तक गुजरात के १४वें मुख्यमन्त्री रहे और यह भी एक अद्भुत संयोग ही है कि वे हिन्दुस्तान के १४वें प्रधानमन्त्री होंगे जो २०१४ में शपथ ग्रहण करेंगे।
नरेन्द्र भाई जी मोदी को Zindgi ki ABCD परिवार की ओर से लाखो बधाईया...

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Comment में नरेन्द्र भाई जी मोदी को बधाई जरुर दे,,,,,

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