29 Oct 2018

जैक मा की प्रेरणादायक कहानी Alibaba Founder Jack Ma Success Story Hindi

जब केएफसी कंपनी चीन में आयी तो जॉब पाने के लिए २४ लोग इंटरव्यू देने गए, उनमें से २३ को कम्पनी ने चुन लिया । सिर्फ मुझे रिजेक्ट कर दिया गया । – Jack Ma
चीन के मौजूदा सबसे धनी और प्रसिद्ध व्यक्ति जैक मा ने एक टीवी साक्षात्कार के दौरान ये बात कही ।
दोस्तों आज हम बात करनेवाले हैं अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर Jack Ma के बारे में, उनके चीन के एक छोटे से गाँव से निकल कर चीन की सबसे बड़ी कंपनी को स्थापित करने के सफ़र के बारे में ।
लगातार असफल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वो हर इंटरप्रेन्योर (उद्यमी) और हर एक स्टूडेंट के लिए प्रेरणा स्रोत है ।
उन्होंने नौकरी के लिए लगभग ३० से ज्यादा बार रिजेक्ट होने के बाद भी हिम्मत ना हार कर संघर्ष किया और आश्चर्य चकित कर देनेवाली सफलता की एक नई कहानी गढ़ दी ।
Jack Ma वर्तमान में एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, अगस्त २०१७ में उनकी संपत्ति करीब ३६.४ बिलियन अमेरिकी डॉलर है ।
बिज़नेस दुनिया की प्रसिद्ध मैगजीन “फार्च्यून” ने २०१७ की दुनिया के ५० महान लीडर्स लिस्ट में दूसरा स्थान दिया गया है । दुनिया में व्यवसायियों और स्व-उद्धिमीयों में से Jack Ma एक बहुत ही प्रभावशील व्यक्ति हैं ।
वे परोपकारी कार्यो के साथ साथ नई पीढ़ी को बिज़नेस के गुर सिखाने के लिए भी मशहूर हैं ।

बचपन (Childhood)

Jack Ma का जन्म चीन के एक बहुत छोटे-से गाँव में १० सितम्बर १९६४ में हुआ था । उन्होंने बचपन गरीबी का हर वो चेहरा देखा जिसकी कल्पना करना भी हमारे लिए मुश्किल है ।
उन्हें बचपन से ही इंग्लिश भाषा को सीखने, समझने में बहुत दिलचस्पी थी । उस समय कम्युनिस्ट देश चीन की प्रमुख भाषा चीनी ही थी और ६० के दशक में चीनी भाषा को ही महत्व दिया जाता था । इंग्लिश भाषा को सीखने-पढने पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता था नाही इसको जरूरी  समझा जाता था ।
बावजूद इसके लगभग १३ साल ही उम्र से ही उन्होंने अंग्रेजी सीखना शुरू कर दिया, बजाये किसी इंग्लिश के शिक्षक के उन्होंने विदेशों से आने वाले टूरिस्ट्स की मदद करना शुरू कर दी और एक टूरिस्ट गाइड की भूमिका निभाने लगे ।
पश्चिमी देशों से आये टूरिस्ट्स से इंग्लिश भाषा में बात करने में शुरुआत में थोड़ी दिक्कतें आयी पर फिर कोशिश करते रहने से उनकी टूटी-फूटी अंग्रेजी में सुधार हो गया ।
उनका बचपन में नाम “मायून” था पर विदेशी पर्यटकों के लिए ये चीनी नाम उच्चारण करने में कठिन था । एक बार उनकी एक विदेशी पर्यटक से उनकी मित्रता हो गई और उसने ही उन्हें “Jack” नाम दिया ।
९ वर्ष तक उन्होंने एक टूरिस्ट गाइड की तरह काम किया जिससे उन्हें पश्चिमी देशों संस्कृति के साथ साथ इंग्लिश की भी बहुत अच्छी समझ हो गई ।

व्यवसाय की शुरुआत (Career)

Jack Ma शुरुआती दिनों में नौकरी की तलाश में भटक रहे थे, पुलिस की नौकरी के लिए भी उन्होंने आवेदन किया था । पर उनकी शारीरिक क्षमता इस नौकरी के अनुरूप ना होने के कारण उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी ।
जैक मा जब अमेरिका गए तो उन्हें वहाँ इंटरनेट के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त हुई, हालाँकि उन्होंने इसके बारे में पहले से सुन रखा था, पर अब उन्हें इसको उपयोग करने का मौका मिला ।
उन्होंने इंटरनेट पर जो पहला शब्द टाइप किया वो था BEER (भालू) । उन्होंने पाया कि दुनिया के बहुत से देशों के भालुओं के बारे में उन्हें जानकारी मिल गई, पर चीन में पाए जानेवाली प्रजातियों के बारे में कोई जानकारी उस वक्त तक इंटरनेट पर मौजूद नहीं थी ।
फिर उन्होंने अलग-अलग चीजें चीन के बारे में सर्च की । पर इंटरनेट पर चीन के बारे में बहुत ही कम जानकारी उपलब्ध थी । जो उन्हें अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अपने कुछ मित्रों की मदद से एक वेबसाइट बनाई जो चीन के बारे में जानकारियां देती थी ।
महज कुछ ही घंटो के अन्दर उन्हें बहुत से ईमेल प्राप्त हुए जो लोग Jack के बारे में जानना चाहते थे । अब तक Jack को इंटरनेट की अनंत संभावनाओं का एहसास हो चुका था । इस से पहले वो एक ट्रांसलेशन (अनुवाद) करनेवाली एक छोटी सी एजेंसी चलाते थे । अब जैक इंटरनेट की मदद से कुछ नया करना चाहते थे ।
सन १९९५ में जैक ने अपने कुछ मित्रों और पत्नी की मदद से २०,००० डॉलर जमा किये जिसमे उनकी अपनी बहन से लिए हुए पैसे भी शामिल थे और एक नई वेबसाइट बनाई जो चीन में जो छोटी-बड़ी कंपनियां थी उनको वेबसाइट बनाकर देती थी । इसका नाम उन्होंने “China Yellow Pages” रखा । वांछित लाभ ना मिलने के कारण यह व्यवसाय भी असफल हो गया ।

अलीबाबा कंपनी की शुरुआत (Alibaba Startup)

कुछ दिन सरकारी काम करने के बाद वे वापस गाँव आ गए और उन्होंने अपने १७ मित्रों को इन्वेस्ट करने के लिए रजामंद किया । और इस तरह उन्होंने अपने मित्रों के साथ मिल कर “Alibaba” कंपनी (उस वक़्त एक स्टार्टअप) की नींव रखी ।
शुरुआती दौर में इस कंपनी का ऑफिस अपना खुद का अपार्टमेंट बनाया । इन दिनों अपने मित्रों के इन्वेस्टमेंट के अलावा उनके पास कोई और पूंजी का माध्यम नहीं था परन्तु बाद में १९९९ तक कुछ दूसरी कंपनियों की मदद से उनका निवेश २५ मिलियन डॉलर और बढ़ गया ।
चीन के लोगो का विश्वास जीतने और उन्हें इंटरनेट पर व्यवसाय करना सिखाने के बाद अब ये कम्पनी दुनिया की वृहदतम कंपनियों में से एक बन चुकी है ।
एक छोटे से गाँव के लड़के का सफ़र जिसके पास खर्च ने के लिए एक रुपया भी नहीं था वो इतनी बड़ी कंपनी को स्थापित करने में सफल हुआ सिर्फ इस वजह से क्योंकि उसमे जज्बा था कुछ कर दिखाने का, उसमे ललक थी कुछ कर जाने की और सबसे जरूरी उसमे जिज्ञासा थी हर वक़्त कुछ नया सीखने की ।
जिस इंसान में तलब है सीखने की उसका सफलता की बुलंदियाँ छूना तय है । वो हजार बार असफल होकर भी एक ना एक दिन सफलता के वो पायदान पर पहुँच जाता है जो हमें असंभव जान पड़ते हैं ।

जैक मा की असफलताओं की सीढियाँ (Failures of Jack Ma)

Jack Ma कोई रातों-रात अचानक से कामयाब नहीं हुए उनकी असफलताओं (Failures) की भी एक लम्बी सूची है । और अगर आपको लगता है कि असफलताएं सिर्फ आपको ही मिलती हैं तो जरा Jack Ma के बारे में ये बातें भी जान लीजिये जो उन्हें एक बड़ा योद्धा बनाती है अपनी असफलताओं से लड़ने के लिए ।
वो प्राइमरी स्कूल में भी फेल हुए – एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार । जब मिडिल स्कूल में पहुंचे तो ये आंकड़ा और बढ़ गया – और वो तीन बार मिडिल स्कूल में भी फेल हुए ।
जैसे-तैसे स्कूल ख़त्म करके कॉलेज में प्रवेश करने का सोचा तो तीन बार एंट्रेंस एग्जाम में फेल हुए । तक़रीबन १० बार हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लिए अप्लाई किया पर हर बार उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया । कॉलेज के बाद भी उनकी हालात सुधरे नहीं और वो लगभग ३० बार जॉब के लिए अप्लाई किया पर जॉब पाने में भी फेल होते गए ।
उसके बाद खुद का बिज़नेस करने का सोचा और उन्हें शुरूआती दो बार फिर बिज़नेस में असफलता ही हाथ लगी । और यही असफलतायें उनकी सफलताओं के द्वार खोलती चली गई, यही असफलताएं उनकी सफलताओं की सीढियाँ बनती गई ।

जैक मा के कुछ प्रेरक विचार (Inspiring Thoughts of Jack Ma)

इससे फर्क नहीं पड़ता कि मैं फेल हो गया । कम से कम मैंने कांसेप्ट को दूसरों को पास किया । यदि मैं सफल नही भी होता हूँ, तो भी कोई और सफल हो जायेगा ।
इससे फर्क नहीं पड़ता कि भूतकाल कितना कठिन है, आपके पास हमेशा वो सपना होना चाहिए जो आपने पहले दिन देखा था । वो आपको प्रेरित रखेगा और आपको बचाएगा ।
जब हमारे पास पैसे होते हैं तब हम गलतियाँ करना शुरू कर देते हैं ।
आप यह नहीं जानते कि आप अपने जीवन में कितना कुछ कर सकते हैं ।
यदि तुमने कभी कोई कोशिश ही नहीं की तो तुमको कैसे पता चलेगा कि कोई मौका है?
युवाओं की मदद करो, अपने से छोटे लोगों की मदद करो क्योंकि छोटे लोग बड़े होंगे । युवाओं के दिमाग में वो बीज होगा जो आप उनमें बोयेंगे और जब वे बड़े होंगे तो वे दुनिया बदल देंगे ।
दूसरों की सफलता से सीखने की बजाय उनकी गलतियों से सीखो । ज्यादातर लोग जो असफल होते हैं उनकी असफलता के कारण समान होते हैं जबकि सफलता की कई वजहें मिल सकती है
याद रखें जल्दी ही, आपको इस बात का अफ़सोस होगा की आपने अपना पूरा समय काम में व्यतीत कर दिया ।
ज़िंदगी बहुत छोटी है और बहुत खूबसूरत, काम के प्रति इतने गंभीर ना रहें । जीवन का आनंद लें ।
हमारे पास कभी भी पैसों की कमी नहीं होती । हमारे पास कमी होती है तो सपने (Dreams) देखने वाले लोगों की ।

तो मित्रों यह थी Jack Ma की Success Story । हमें आशा है की आपको Jack Ma के जीवन से और उनकी इस Hindi Biography से बहुत ही अनमोल सीख हासिल हुई होंगी ।
मैं कामना करता हूँ कि आप भी Jack Ma की तरह असफलताओं के सामने एक योद्धा बनकर डटकर लड़े और विफलताओं को परास्त कर के सफलता का नया इतिहास लिखे ।
अगर आपको Jack Ma की यह Hindi Biography अच्छी लगी हो तो कृपया इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुँचाए और सोसिअल मीडिया पर शेयर करे । धन्यवाद । 🙂 🙂

19 Feb 2018

Hindi Article on Giving Excuse

ऐसे लोगों के मुंह से आपको कुछ ऐसी बातें सुनने को मिल जायेंगी….



मुझे मौका नहीं मिला…
घर में पढाई का माहौल नहीं था…
भाग्य ने साथ नहीं दिया…
या ऐसा ही कोई और statement
पर इसके उलट कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने साथ हो रही हर अच्छी-बुरी चीज के लिए खुद को ही जिम्मेदार मानते हैं, वे fail होने पर कहते हैं-

मैंने मौके का सही फायदा नहीं उठाया…
मुझे और पढाई करनी चाहिए थी…
मैं अपनी मेहनत से अपना भाग्य बदल दूंगा…
या ऐसा ही कोई और statement.
और ऐसे लोग ही जो अपनी असफलता का कोई excuse नहीं देते आगे चलकर सफल होते हैं.

एक आदमी अँधा था पर उसने कभी अंधे होने का excuse नहीं दिया.

एक आदमी बहरा था पर उसने कभी बहरे होने का excuse नहीं दिया.


एक आदमी गरीब था पर उसने कभी गरीब होने का excuse नहीं दिया.

एक आदमी को उस कम्पनी से निकाल दिया गया जिसे उसने अपने खून पसीने से खड़ा किया था…पर उसने निकाले जाने का excuse नहीं दिया.

एक आदमी लगभग दिवालिया हो चुका था पर उसने दिवालिया होने का कभी excuse नहीं दिया.

एक आदमी जिसे बचपन ने टीचर ने मंदबुद्धि कह कर स्कूल से निकाल दिया था उसने कभी मंदबुद्धि होने का excuse नहीं दिया.

वो अँधा आदमी Erik Weihenmayer था जिसने अंधे होने के बावजूद माउंट एवेरेस्ट फ़तेह किया था.

वो बहरा आदमी Ludwig van Beethoven था जिसने दुनिया की कुछ सबसे बेहतरीन म्यूजिक कम्पोज कीं.

वो गरीब आदमी धीरुभाई अम्बानी था जिसने भारत की सबसे बड़ी कंपनी “रिलायंस” बना डाली.

अपनी ही कम्पनी से निकाले जाने वाला आदमी स्टीव जॉब्स था जिसे 1985 में Apple से निकाल दिया गया था और 11 साल बाद 1996 में उसे फिर से कंपनी का CEO बना दिया गया.

वो दिवालिया हो चुका इंसान अमिताभ बच्चन था, जिसने ABCL की नाकामयाबी के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और अपना खोया हुआ साम्राज्य फिर हासिल किया.



और वो आदमी जिसे बचपन में टीचर ने मंदबुद्धि कह कर निकाल दिया था कोई और नहीं दुनिया का महानतम वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन था….

दोस्तों, चाहते तो ये सभी super successful लोग excuse दे सकते थे और आम लोगों की तरह अपनी नाकामयाबी को justify कर सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया वे किसी बहाने के पीछे नहीं छिपे… वे डंटे रहे…उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी लगन और जी-तोड़ परिश्रम से अपने सपनो को साकार किया.

अगर मैं अपनी बात करूँ तो मैं भी अपने दिल की ना सुनने का excuse अपनी job और financial obligations को दे सकता था…पर मैंने कोई बहाना नहीं बनाया… बनाता भी तो किससे?

खुद से!

मैंने जॉब के साथ-साथ ZINDGI KI ABCD found की और दिन-रात इस पर काम करके हिंदी का No. 1 ब्लॉग बना दिया.

मेरी कहानी यहाँ पढ़ें: एक MNC जॉब छोड़ कर फुल टाइम ब्लॉगर बनने की कहानी
अंत में मैं आपसे पूछना चाहता हूँ… आप कैसे इंसान हैं?

Excuse देने वाले या अपनी मेहनत से अपनी किस्मत बदलने वाले?

फैसला आपके हाथ में हैं…मैं तो चला मेहनत करने!

All the best!

29 Oct 2017

80/20 Rule का प्रयोग सफलता के लिए कैसे करें? | Pareto Principle

आजकल लोग Time Management पर बहुत ध्यान दे रहे हैं और Success प्राप्त करने में इसका उपयोग कर रहे हैं। ऐसा इसीलिए है क्योंकि सभी जानते हैं कि दुनिया के प्रत्येक इंसान के पास 24 घंटे का ही time होता है। किसी को भी न तो 1 second ज्यादा मिलता है और न ही 1 second कम मिलता है।
80-20 rule pareto principle hindi
80 20 Rule
लेकिन time management का प्रयोग करने के बाद भी बहुत कम लोग ही सफलता प्राप्त कर पाते हैं। ऐसा क्यों होता है?
जब मैंने इस प्रश्न पर deep study की तो इसका उत्तर कुछ इस तरह समझ आया–
वास्तव में हम सभी यह समझते हैं कि वही लोग सक्सेस प्राप्त कर पाते हैं जो इन 24 घंटों में अधिक से अधिक work कर पाते हैं।
अर्थात 24 घंटे में कोई व्यक्ति जितना अधिक समय तक Work करेगा, उसको उतने ही अधिक अच्छे Result मिलेंगे।
लेकिन हमारा यह सोचना बिलकुल गलत है क्योंकि अधिक समय (more time) तक अधिक काम (more work) करने से कभी भी अधिक परिणाम (more results) नहीं मिलते।
तो अब हमें अधिक से अधिक अच्छे परिणाम हासिल करने के लिए क्या करना चाहिए?

80/20 नियम क्या है?

What is 80-20 Rule Of Time Management

इसी problem के solution के लिए आज मैं आपको समय के 80/20 नियम (80-20 Rule of Time Management) के बारे में बताऊंगा जिसे परेटो का सिद्धांत Pareto Principle भी कहते हैं क्योंकि इसे Vilfredo Pareto (विलफ्रेडो परेटो) नाम के एक व्यक्ति ने दिया था।
यह बहुत ही simple rule है और इसे कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से समझ सकता है। 80/20 Rule को इस प्रकार समझा जा सकता है–
इस नियम के अनुसार किसी भी एक दिन में हमारे द्वारा किये गए 80% कार्यों से हमें 20% अच्छे परिणाम मिलते हैं और इसके विपरीत हमारे 20% कार्यों से हमें 80% अच्छे परिणाम मिलते हैं।
अर्थात हम दिनभर में कोई न कोई कार्य (action) करते ही रहते हैं लेकिन पूरे दिन किये गए सभी 100% Actions से हमें 100% Results प्राप्त नहीं होते हैं बल्कि इस नियम के हिसाब से हमारे 80% Actions हमें 20% Results देते हैं और बाकी बचे 20% Actions से हमें 80% Results देते हैं।
80-20 का यह Rule हमें बताता है कि अधिक काम करने से हमें अधिक परिणाम नहीं मिलते बल्कि हमारे द्वारा दिनभर में किये गए कुछ कार्यों से ही हमें बहुत अच्छे परिणाम मिल रहे होते हैं और इसके विपरीत हमारे द्वारा दिनभर में बहुत से ऐसे कार्य किये जाते हैं जिनसे बहुत कम अच्छे परिणाम मिल पाते हैं।

Pareto का Success Formula इस प्रकार है–

More Actions ≠ More Results

80% Actions = 20% Results

20% Actions = 80% Results

क्या यह Pareto Principle लाइफ में सभी जगह काम करता है?

दोस्तों! Time management का यह Pareto principle जीवन में सभी जगह (All fields of Life) काम करता है। यह दुनिया में सभी जगह पर हर समय काम करता है। अब आप इसके कुछ उदाहरण देखिये–
1- दुनिया की 80% दौलत (Wealth) केवल 20% लोगों के पास है जबकि 20% दौलत 80% लोगों के पास है।
2- आप अपने 20% कपड़े 80% टाइम तक पहनते हो जबकि 80% कपड़े आप 20% समय तक पहनते हो।
3- किसी भी दुकान के 20% Products 80% times बिकते है जबकि 80% products केवल 20% times बिकते हैं।
4- आपके Mobile में जितने भी contacts हैं, उनमे से 20% contacts के लिए आप 80% call करते हो जबकि 80% contacts के लिए आप 20% call करते हो।
5- आपके 20% दोस्त या रिलेशन ही आपको 80% खुशी (Happiness) देते हैं जबकि 80% दोस्त या रिलेशन आपको 20% खुशी देते हैं।
आप अपनी लाइफ के किसी भी क्षेत्र में इस नियम का उपयोग करके देख लीजिये, Normally सभी जगह यह काम करता है।

80/20 नियम का उपयोग कैसे कर सकते हैं?

How to use the 80-20 Rule?

अब प्रश्न यह है कि आप इस 80-20 rule का उपयोग कैसे कर सकते हैं? आइये मैं आपको इसका बहुत अच्छा तरीका बताता हूँ।
सबसे पहले आप दिनभर क्या क्या करते है और किस समय करते हैं, इसके बारे में आपको एक लिस्ट तैयार करनी है। यह List आप 7 days तक बनाइये। इतना करने के बाद आप जब आप इस list को देखेंगे तो आश्चर्यचकित रह जायेंगे। आप पाएंगे कि आपके 80% कार्य आपको केवल 20% अच्छे परिणाम दे रहे हैं।
अब आपको इन 80% कार्यों को अपनी दिनचर्या (Daily life) से कम करते जाना है और उन 20% कार्यों को खोजकर बढ़ाते जाना है जिनसे आपको 80% अच्छे परिणाम मिल रहे होते हैं।
अर्थात जो कार्य आपके time को waste कर रहे हैं, उनको करना आपको छोड़ देना चाहिए और जो कार्य आपके टाइम को useful बना रहे हैं, इस तरह के कार्यों को दिनभर में आपको अधिक से अधिक करना चाहिए।
तो आज से ही एक diary और pen लीजिये और लिस्ट तैयार करना शुरू कर दीजिये।

80/20 नियम का एक अच्छा उदाहरण

One Example Of 80-20 Rule

आइये Pareto के 80-20 Rule को मैं आपके लिए एक उदाहरण से समझाता हूँ।
राहुल और मयंक दोनों एक exam की तैयारी कर रहे थे। राहुल दिनभर में 15 घंटे study करता था जबकि मयंक दिनभर में केवल 6 घंटे study करता था।
सभी लोग कहते थे कि राहुल इस exam में बहुत अच्छे marks लेकर आएगा, हो सकता है कि वह exam top भी कर ले और मयंक के बारे में लोग कहते थे कि यह राहुल से बहुत कम पढ़ता है इसीलिए यह उतने अच्छे marks नहीं ला पायेगा।
लेकिन जब रिजल्ट आया तो मयंक ने exam में 96% marks हासिल किये जबकि राहुल के केवल 74% marks आये थे। सभी लोग इस result को लेकर आश्चर्यचकित थे।
लोग सोच रहे थे कि ऐसा क्या हुआ कि 15 घंटे study करने वाले राहुल के केवल 74% marks मिले जबकि केवल 6 घंटे study करने वाले मयंक के 96% marks क्यों आये?
किसी के पास कोई उत्तर नहीं था और लोग राहुल की किस्मत (Luck) को ख़राब बता रहे थे जबकि सच्चाई तो कुछ और थी।
सच्चाई तो यह थी कि मयंक Pareto के 80 /20 Rule के बारे में बहुत अच्छी तरह जानता था और इसका बहुत अच्छी तरह उपयोग करके ही वह 6 घंटे की स्टडी से इतने अच्छे मार्क्स ला पाया था जबकि राहुल 80-20 rule of time management से बिलकुल अनजान था।
अब मैं आपको बताता हूँ कि मयंक ने 80-20 rule का उपयोग कैसे किया।
इस नियम का प्रयोग करके मयंक ने अपने study questions को दो भागों (two parts) में विभाजित किया। first part में उसने 20% उन प्रश्नों को रखा जो बहुत Important थे। इन्हें जानने के लिए उसने अपने teachers से और last years में आये questions से बहुत हेल्प मिली। और second part में उसने कम important प्रश्नों को रखा।
अब अपनी study के 6 घंटों में वह 5 घंटे first part के प्रश्नों के उत्तर याद करता था और 1 घंटा वह second part के प्रश्नों के उत्तर को याद करता था। और जो समय बाकी बचता था, उसमे वह घर के काम, खेलकूद और अन्य काम करता था जबकि राहुल उस समय भी study कर रहा होता था।

सफलता पाने के लिए जीवन में कहाँ और कैसे इस 80/20 नियम का उपयोग करें?

Where to use 80-20 Rule of Pareto?

दोस्तों! इसी तरह जीवन किसी भी क्षेत्र में आप इस 80-20 नियम का उपयोग कर सकते हैं। आइये जानते हैं कि जीवन के किस किस क्षेत्र (field) में आप इस 80/20 नियम का उपयोग कर सकते हैं और उस field में success प्राप्त कर सकते हैं–
1- यदि आप Businessman हैं तो इस 80-20 नियम का उपयोग आप अपने business को अच्छा करने के लिए कीजिये। उन कार्यों को ज्यादा कीजिये जो आपके business को सफलता की ऊंचाइयों तक ले जाएँ।
2- यदि आप Student हैं तो इस 80-20 नियम का उपयोग आप अपनी study को बेहतर करने के लिए कीजिये। उन topics पर अधिक ध्यान दीजिये जो आपको अच्छे परिणाम दे सकें।
3- आप अपनी Relationship को अच्छा करने लिए इस 80-20 नियम का उपयोग कीजिये और उन रिलेशन पर अधिक समय दीजिये जो आपको happiness देते हों या जो आपके दुःख में आपका साथ देते हों।
4- अपनी दिनचर्या (Daily routine) को बेहतर बनाने के लिए आप 80-20 rule का उपयोग कीजिये। उन कार्यों को अधिक टाइम दीजिये जो आपको अच्छे results देते हों।
5- अपनी Social Life को अच्छा करने के लिए आप 80-20 rule का उपयोग कीजिये। अपने उन दोस्तों और अन्य लोगों से अधिक contact में रहिये जो आपको खुशी देते हों या जो समय पर आपकी हेल्प करते हों।
ध्यान रखिये 80/20 principle आपसे कभी यह नहीं कहता कि आप कम कार्य करना start कर दें बल्कि यह नियम बताता है कि हमें उन कार्यों को नहीं करना चाहिए जिनमे हमारा 80% time waste होता है। ऐसे कार्य न करने से हमारे पास काफी समय बचेगा और इस बचे हुए समय का उपयोग (use of time) हम ऐसे कार्यों में करें जिनसे 80% results मिलते हैं।
तो देर किस बात की है दोस्तों! आज से ही इस Pareto Principle अर्थात 80-20 Rule Of Time Management का उपयोग शुरू कर दीजिये। याद रखिये अच्छे काम में देर नहीं करनी चाहिए।

4 Feb 2016

कैसे handle करें examination stress को ? 8 Ways

Don’t worry, Be happy.
Exam के दिन शुरू  होने  वाले  हैं , ऐसे  में students का  tense  होना  स्वाभाविक  है . मेरी  समझ  से  Tense होना  हमेशा  बुरा  नही  होता , यदि  tension आपको  कुछ  अच्छा  करने  के  लिए  push करे  तो  वो  ठीक  है . अगर  अपने  school days को  याद  करूँ  और  उसमे  से  exams और  class  tests को  हटा  दूँ  तो  शायद  जितनी  पढाई  की  उसकी  25% ही  की  होती . Exams हमें  पढने  के  लिए  force करते  हैं , और  पढने  से  हमें  knowledge मिलती  है , knowledge हमें  confidence देता  है , जो किसी भी काम को करने के लिए जरूरी है …तो  in a way अगर  exams नहीं  होते  तो  आज  मैं  जो  कर  पा  रहा  हूँ  वो  नहीं  कर  पाता .
Exams हमें  दबाव  में  काम  करना  सीखाते  हैं , हमें  strong बनाते  हैं , वे  हमें  adverse situations handle करना  सीखाते  हैं , वे  हमें  selective होना  सिखाते  हैं , टाइम मैनेज करना सिखाते हैं, वे  हमें  stretch करना  सीखते  हैं , और  ये  सभी  चीजें  life में  successful होने  के  लिए  कहीं  न  कहीं  चाहिए  होती  हैं .
Friends , exams  के समय थोडा  stress होना  , थोडा pressurize होना लाज़मी है , पर यदि हम एक्साम्स को एक अलग mind-set  के साथ handle  करें तो हमें फायदा होगा. और आज इस article  में मैं आपसे ऐसी ही 8  बातें शेयर कर रहा हूँ , तो आइये जानते हैं इन्हें:
 1)      Exams अच्छे  हैं :
भले  ही  आज  आपको  ये  बुरे  लगें , लेकिन  यकीन  जानिये  ये  आपको  इंतना  कुछ  सिखा    जाते  हैं  की  आपकी  बाकी  की  life को  comparatively आसान  बना  देते  हैं . May be आप  exams को  एक  कड़वी दवा  के  रूप  में  देख  सकते  हैं , जिसे  आप  पीना  तो  नहीं  चाहते  पर  इसे  पीये  बिना  आपकी  बीमारी  भी  नहीं  जा सकती  .  खुद  से  बार -बार  कहिये , मन  में  दोहराइए ….exams अच्छे हैं …exams अच्छे हैं…चाहे तो लिखकर दीवार पर चिपका भी लीजिये.. फरक  दिखेगा .

2)      तैयारी  का  अलग  ही  मजा  है :
Exams की  तैयारी  कुछ  ख़ास  होती  है  और  board exams हों  तो  बात  ही  कुछ  और  है .  वो  घंटों  किताबों  में  उलझे  रहना , alarm लगा  कर  सुबह  उठाना , TV serials, cricket matches की  कुर्बानी  देना …joint study के  लिए  बैठना  और  कुछ  भी  ना  पढना :) . Light जाने  पर  lamp जल  कर  पढना  ,and what not. ये  ऐसे  पल  होते  हैं  जो  routine से  बिलकुल  अलग  होते  हैं , और  इनका  अपना  ही  मजा  होता  है . इन  पल  को  burden के  रूप  में  ना  देखें , बल्कि  enjoy  करें .
3)      आपको  अपना  best effort देना है ; बस !
Be realistic, अगर  आप  पहले  के  exams या  test में  average रहे  हैं  और  पूरे  साल  आपने  कुछ  extra efforts नहीं डाले  हैं  तो  सिर्फ  exams के  वक़्त  पढ़कर  चमत्कार  की  अपेक्षा  न   करें .  क्या  हुआ भूल  जाएं  , बस  ये  देखें  की  अब  आपके  पास  कितना  समय  बचा  है  और  उसमे  अपने  बेस्ट  effort देने  की  कोशिश  करें . ये  सोचना  बेकार   है कि आपके  class के  और  बच्चे  क्या – क्या  पढ़  चुके  होंगे , कितना  revise कर  चुके  होंगे , आपको  किसी  और  को  देखने  की  ज़रुरत  नहीं  है …किसी comparison की  ज़रुरत  नहीं  है …और  फायदा  भी  क्या  है  ऐसा  करने  से  , कुछ   सालों  बाद  उसमे  से  10% से  भी  कम  आपके  touch में  होंगे . …तो  दिखाना  किसे  है  ? बस  खुद  को  ! इसलिए   कुछ  ऐसा  न  करिए  कि  बाद  में  अफ़सोस  हो ….”काश  मैंने  पढाई  की  होती !!” and all.
अपना  best effort दीजिये  और  ऐसा  करते  हुए  आप  fail भी  हो  जाते  हैं  तो  कोई  बात  नहीं . लेकिन  बिना  effort किये  ही  हार  मान  लेते  हैं  तो  इससे  बुरी  भी  कोई  बात  नहीं . Just put in your best effort, बाकि  सब  भगवान्  पर  छोड़  दीजिये .
4)      Time is “Marks”:
Time एक limited resource है , इसे  waste करना  बेवकूफी  है . Exams के  समय  तो  ये  पाप  है .ये  समय  है  time को  manage करने  का  , smartly manage करने  का . ये  नहीं  की  बस  कोई  भी  subject उठाया  और  पढना  शुरू  कर  दिया . इसे  एक  strategy के  साथ  approach करिए , और  ये  strategy आपकी  अपनी  बनाई हुई  होगी ….unique होगी . ऐसे  plan out करिए  की  हर  subject पूरी  तरह  से  cover हो  जाये …ये  न  हो कि एक  subject को  5 दिन  दिए  और  एक  को  आधे  दिन  में  ही  निपटा  दिया .  इत्मीनान  से  बैठिये , गहरी  साँसे  लीजिये ,….ये  सोचिये  की  आपको  कौन  से  subject को  कितना  time देना  है . Date wise time-table create करिए , कोई  difficult subject है तो उसके  साथ  easy subjects पढने  का  भी  plan करिए . Sample papers या पिछले साल के पेपर्स solve करने  के  लिए  जरूर  वक़्त  निकालिए .  दोस्तों, time सिर्फ  money ही  नहीं  है  marks भी  है …so better don’t waste it.
5)      आपके  parents आपके  marks से  कहीं  अधिक  आपको  प्यार  करते  हैं :
पढने  के  लिए  किसे  डांट  नहीं  पड़ती !! Of course, उन  पढ़ाकू  लगों को छोड़ दीजिये जो किताब लेकर ही पैदा हुए हैं. पर  आपके -मेरे  जैसे  भोले -भाले  लोगों  को  पढने  के  लिए  डांट  पड़ना  तो  आम सी  बात  है . हमारे  parents इस  बात  को  लेकर  बहुत  चिंतित  होते  हैं  कि  हम  इस  cut throat completion के  युग  में  ठीक  से  settle हो  पाएं .  एक  अच्छी  नौकरी और  exams में  मिले  अच्छे  numbers का  जो  गहरा  नाता  है  वो उन्हें  चिंतित  कर  देता  है  कि  अगर  उनका  बच्चा  अच्छे  numbers नहीं  ला  पाया  तो  उसके  future का  क्या  होगा . और  यही  चिंता  उन्हें  आपको  डांटने …और  कभी  कभी  मारने  के  लिए  मजबूर  करती  है . Specially , middle class families में  जहाँ  अच्छा  future= अच्छे numbers माना  जाता  है  ये  और  भी  अधिक  देखने को मिलता है .
पर  आप  आज  की generation  के  हैं  , आप  smart हैं ; अपने  parents की सोच को समझिये , वो  आपको  बहुत  प्यार  करते  हैं …इतना  की  आपको  इस  cruel-world में  परेशान  होते  नहीं  देख  सकते  इसलिए  वो  आपको  पढने  को  कहते  हैं , उनका  सम्मान  करिए  ये  बात  गाँठ  बांध  लीजिये  कि  वो  भले  आपको  marks लाने  के  लिए  डांटे -फटकारें  but at the end of the day आप  उनकी  जान  हैं , किसी  भी  सूरत  में  वो  marks से  कहीं  अधिक  आपको  प्यार  करते  हैं !
6)      World is full of opportunities:
Only अच्छा future= अच्छा  marks is past. Present बिलकुल  अलग  है  , बिलकुल  fresh है . ये  कुछ -कुछ  3 Idiots की  story जैसा  है  ….जो  पुराना  है  उसे  बस  दो  चीजें  पता  हैं , लड़की  हुई  तो  Doctor , लड़का  हुआ  तो  Engineer, लेकिन  जो  नया  है  वो  तो  कुछ  भी  कर  सकता  है ….wild life photographer भी  बन  सकता  है .  जिस  दुनिया  में  हम  जी  रहे  हैं  वो  10-15 साल  पहले  की  दुनिया  से  बहुत  अलग  है ….India में  भी आज  career बनाने  के  ढेरों  options हैं . And luckily उनका  marks से  कोई direct relation नहीं  है . Liberalization की  wave ने   कई  viable career options  ओपन  कर  दिए  हैं   आज  आप  interior decorator,  fashion designer,  chef, actor, singer, sportsman,  blogger, choreographer, entrepreneur,  networker, और  ना  जाने  क्या – क्या  बन  सकते  हैं .
मैं  यहाँ  कुछ  super achievers के नाम  share कर  रहा  हूँ   जो  पढाई  लिखी  के  लहजे  से  काफी सामान्य थे:
  • Sunil Bharti Mittal – Bachelor of Arts and Science (Ludhiyana) – Founder of Airtel.
  • Kunwar Sachdev  –  BSc (Hons) Delhi – Founder of Sukam Inverter
  • Sanjeev Kapoor- Diploma in Hotel Mangement-  Celibrity Chef
  • Vishwanathan Anand – BCom ,Chennai   – Chess Grand Master
  • Sushant Singh Rajput –Btech Drop out—Actor of Kai Po Che and Pavitr रिश्ता
  • Priyanka Chopra— Not completed Graduation— Miss World, Actress
It means एक सामान्य स्टूडेंट हो कर भी आप लाइफ कुछ बड़ा हांसिल कर सकते हैं.
7)      जो होता  है  अच्छा  होता  है :
और  ज्यादातर  cases में  ये  बहुत  बाद  में  पता  चलता  है  कि  जो  हुआ  अच्छा  हुआ . आप  भी  exam में  paper खराब हो  जाने , या  even fail हो  जाने  पर  खुद  को  ज़रुरत से अधिक मत  कोसिये , कई  बार  success  की  शुरात  failure के  साथ  होती  है . इस  बात  में  हमेशा  यकीन  करिए  कि  आपके साथ  जो  best हो  सकता  है  वही  हो  रहा  है  और  अगर  कुछ  बुरा  हुआ  है  तो  वो  भी  आगे  चल  कर  आपकी  life से  कुछ  ऐसे  connect हो  जायेगा  जो  उसे  अच्छा साबित  कर  देगा .  For e.g Late Steve Jobs को  उन्ही  की  बनायीं company Apple से  निकाल  दिया  गया , पर  उन्होंने  बाद  में  खुद  अपनी  famous speech में  कहा  है  कि  इससे  अच्छा  उनकी  life में  कुछ  हो  ही  नहीं  सकता  था .
आगे  बढ़ते  हुए  इन  चीजों  को पूरी  तरह से  नहीं  समझा  जा सकता  पर  जब  बाद  में  हम   पीछे  मुड़  कर देखते  हैं  तो  events को  correlate कर  पाते  हैं  और  तब  समझ  में  आता  है  कि  जो  हुआ  अच्छा  हुआ .इसलिए  expected results ना  आने  पर  भी  दिल  छोटा  मत  कीजिये . क्या  पता  सालों  बाद  आप  भी  किसी  स्पीच में कहें  कि  इससे  अच्छा   आपके  साथ  कुछ  हो  ही  नहीं  सकता  था .
8)     Don’t worry कि “लोग क्या कहेंगे!!” :
To make it simple suppose करते  हैं  दुनिया  में  तीन  तरह  के  लोग  होते  हैं :
 A)       जो हमें सफल होते देखना  चाहते  हैं  : हमारे  parents,  family members, a few relatives and friends. Basically ऐसे लोग जिनसे हम emotionally बहुत  अधिक  attached होते  हैं .
B)      जो  हमें  असफल  होते  देखना  चाहते  हैं : वो  ऐसा  क्यों  चाहते  हैं ; I don’t know; इस  group में  कोई  भी  हो  सकता  है , कोई  fake friend, relative, पड़ोसी या कोई और.
C)       जिनको  हमसे  कोई  मतलब  नहीं  है :  Amitabh Bachchan, Sachin Tendulkar,   :)  etc
जहाँ तक Exam और  उसके  results की बात है तो  सबसे  पहले  C type के  लोगों  को  भूल  जाइये ; क्योंकि  वो  भी  आपको  याद  नहीं  करते . Now, results को  लेकर  आपको  A type के लोगों  की  चिंता  नहीं  करनी  चाहिए , ये  आपकी  life के  pillars हैं , हर  परिस्थिति  में  आपके  साथ  खड़े  रहने  वाले , हाँ  ये  जरूर  हो  सकता  है  कि  ये  ऊपर से  ऐसा  न  दिखाएं  पर  इतना निश्चित है कि  इनसे  बड़ा  आपकी  life में  कोई  support हो  ही  नहीं  सकता .
A  ओर C  हो गए ; बचे  B type वाले , आप खुद  सोचिये  जो  लोग  आपको  असफल  होते  देखना  चाहते हैं  आपको  उन्हें  कितनी  importance देनी  चाहिए ….ज़रा  भी  नहीं . वो  जैसा  feel करते  हैं  करें , मेरे  fail होने  पर  खुश  होते  हों  तो  हों …मेरे  पास  होने  पर  रोते  हों  तो  रोएं , मुझे  तो  उनपर  ध्यान  ही  नहीं  देना  है . क्योंकि  उनपर  ध्यान  देना  मतलब  अपनी  life में  negativity को  attract करना   , इसलिए  just  leave them. अगर  आप  इस  group को  खुश  करें  की  कोशिश  करेंगे  तो  कभी  नहीं  कर पाएंगे ….
जब  आप  fail होंगे  तो  ये  कहेंगे ..”fail  हो  गया ….”
जब  आप  पास  होंगे  तो  ये  कहेंगे , “ तो क्या  हुआ  first division तो नहीं  ला पाया ना “
जब  आप  first division ले  आयेंगे  तो  ये  कहेंगे , “ जरूर  cheating किया  होगा ”
इनको  खुश  करने  वाले  हमेशा  दुखी  ही  रहते  हैं …और  कुछ  तो  suicide करने  जैसे  बेवकूफी भरे काम  को   भी  अंजाम  दे  देते  हैं …..ऐसे लोगों पर  दया  से  अधिक  गुस्सा  आता  है ….भला  कोई  अपने  पड़ोसी  की  नज़रों से  बचने  के  लिए  ये अपनी  माँ से हमेशा-हमेशा के लिए कैसे मुंह फेर सकता  है !!
Friends, आप academic exams में top कर पाएं या नहीं लेकिन ज़िन्दगी के इम्तहान में आप निश्चित रूप से top कर सकते हैं . इसलिए , जहाँ तक आने वाली परीक्षा की बात है अपने best efforts से आप जो marks  ला पा रहे हैं लाइए , exams life का एक छोटा सा पार्ट हैं , इनका अपना मजा है , इसे enjoy करिए और आगे बढ़ते जाइये .
All the best ! :)
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कैसे पायें पढ़ाई में सफ़लता ? 20 Tips

बोर्ड की परीक्षाओं का परिणाम आते ही जहाँ सामान्यतः चारों तरफ़ विद्यार्थियों में ख़ुशी की लहर दौड़ जाती है, वहीं   न्यूज़ पेपर्स और टीवी चैनल्स पर कुछ दुखद समाचार भी सामने आते हैं, जहाँ विद्यार्थी अच्छे नंबर ना आने और मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या तक कर बैठते हैं | यह एक बहुत ही गंभीर विषय है क्योंकि विद्यार्थी आत्महत्या के मामलों में हम प्रथम स्थान पर हैं |
दोस्तों, कहा जाता है कि “अभ्यास में जितना अधिक पसीना बहाओगे, युद्ध में उतना ही खून कम बहेगा” |
वैसे आज के प्रतियोगिता भरे युग में, पढ़ाई करना और अच्छे नम्बरों से पास होना किसी लड़ाई से कम नहीं रह गया है | बात तो बहुत सीधी सी है कि अगर आपको ये लड़ाई जीतनी है तो इसके लिए पहले से रणनीति बनाने और उसके अनुरूप तैयारी करने की आवश्यकता है |
आमतौर पर सही मार्गदर्शन के अभाव में विद्यार्थी ठीक ढ़ंग से तैयारी नहीं कर पाते और परीक्षा का समय नजदीक आते ही उनमें चिंता और घबराहट बढ़ने लगती है | किसी भी परीक्षा की तैयारी करने और सफल होने के कुछ सूत्र यहाँ दिए गए हैं |
सफ़लता के सूत्र
1. काम को टालने की आदत छोड़े
मित्रों, यदि आप वास्तव में सफल होना चाहतें हैं तो आपको कार्यों को टालने की आदत का त्याग करना होगा | जो कार्य ज़रूरी है , उसे सही समय पर करें | आपने सुना होगा कि “काल करे सो आज कर , आज करे सो अब , पल में परलय होएगी ,बहुरि करेगा कब” | जिसका मतलब है कि हमें कल के काम को आज और आज के काम को अभी कर लेना चाहिए |
लेकिन आज के युवाओं ने एक नए दोहे को जन्म दे दिया है | उनका कहना है कि “आज करे सो काल कर , काल करे सो परसों, इतनी जल्दी क्यों करे , अभी पड़े हैं बरसों” | दोस्तों पर सच्चाई क्या है , ये हम सभी जानते है | इसलिए हमें काम को टालना नहीं चाहिए बल्कि सभी जरूरी काम समय पर करने चाहियें |
2. अध्ययन के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करें
पढ़ाई करने के लिए एक उपयुक्त एवं शांत जगह का चुनाव करना बहुत ज़रूरी है | पढ़ाई का स्थान ऐसा होना चाहिए जहाँ पर पूरी एकाग्रता और शांत मन से बैठकर पढ़ा जा सके | यदि घर छोटा हो या घर में ऐसा कोई उपयुक्त स्थान ना हो तो घर के बाहर किसी शांत जगह , किसी दोस्त के घर या किसी पुस्तकालय (Library) में जाकर पढ़ना ज्यादा अच्छा होगा |
3. पढ़ाई के लिए समय सारणी बनाएं
जो भी विद्यार्थी सफल होना चाहता है उसके लिए आवश्यक है कि वह पढ़ाई के लिए निर्धारित किये गए समय की एक समय सारणी (Time Table) बनाएं | उस समय सारणी में हर विषय के लिए एक निश्चित समय आवंटित करें | एक सही समय सारणी बनाने पर ही आप हर विषय पर सही ध्यान दे पायेंगे | दोस्तों , केवल समय सारणी बना लेना ही पर्याप्त नहीं है , उसका पालन करना भी ज़रूरी है |
4. खेल कूद एवं मनोरंजन के लिए समय दें
एक विद्यार्थी के सर्वांगिक विकास (Comprehensive Development ) के लिए ज़रूरी है कि उसे पढ़ाई के साथ साथ खेल कूद और अपने मनोरंजन के लिए भी समय देना चाहिए | खेल कूद से शारीरिक विकास होता है |
घर के अन्दर भी आप बुद्धिवर्धक खेलों ( Memory Improvement Games ) का आनंद ले सकते हैं |
5. बड़े कार्यों को छोटे छोटे भागों में बाँटें
कोई भी बड़ा कार्य जब हम करने लगते हैं तो शुरुआत में बहुत कठिन और असंभव लगता है | लेकिन जब हम उसे छोटे छोटे टुकड़ों में बाँट देते हैं और तो वही काम आसान हो जाता है | इसी प्रकार पढ़ाई में भी बड़े Chapter या Formula को छोटे भागों में बाँट कर आसान बनाया जा सकता है | इससे पढ़ना आसान और रुचिकर हो जाता है |
6. अपने ऊर्जा स्तर को जानें
दिन में अलग अलग समय पर हर व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक उर्ज़ा का स्तर अलग हो सकता है | उदाहरण के तौर पर कुछ लोग सुबह के समय ज्यादा Fresh और Energetic महसूस करते हैं तो कुछ लोग शाम को या फिर रात के समय | कुछ लोगों को सुबह उठ कर पढ़ा हुआ ज्यादा याद रहता है तो कुछ को देर रात को पढ़ा हुआ | तो जिस समय आप अपने को ज्यादा Fresh और उर्ज़ावान महसूस करते हैं, वह समय आप अपनी पढ़ाई के लिए रखें |
7. पढ़ाई के बीच अल्प विश्राम लें
पढ़ाई करते समय आपका दिमाग थक जाता है | जब भी आप थकान महसूस करें तो एक अल्प विश्राम (Short Break) ज़रूर लें | आमतौर पर पढ़ाई करते समय 30 से 40 मिनट के बाद आपको थोड़ा आराम करना चाहिए |
8. मुख्य बिन्दुओं को Highlight करें
जब भी आप पढ़ाई करने बैठें, तो अपने साथ एक Highlighter Pen हमेशा रखें | अगर आपको कोई महत्वपूर्ण नाम, तिथि, स्थान या वाक्य दिखाई देता है तो तुरंत उसे Highlight कर लीजिये | इस तरह से Revision करते समय आपको काफ़ी मदद मिलेगी |
9. अपना लक्ष्य निर्धारित करें
जीवन में अपनी पढ़ाई के लक्ष्य निर्धारित कीजिये | आप कौन सा Chapter या किताब कितने दिनों में ख़त्म करना चाहते हैं, कौन से Subjects पर विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है अथवा अपने मनपसंद कॉलेज में जाने के लिए कितने प्रतिशत अंकों की ज़रूरत होगी | इस प्रकार अपनी पढ़ाई के लक्ष्यों तो तय करना बहुत ज़रूरी है | अगर आप हर हफ्ते, महीने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए पढ़ाई करेंगे तो साल के अंत में बिना घबराहट के सही ढंग से परीक्षा की तैयारी कर पायेंगे |
10. सभी ज्ञानेन्द्रियों (Senses) को सम्मिलित करें
अपनी पाँचों ज्ञानेन्द्रियों (कान, नाक, आँख, जीभ और त्वचा) का यथासंभव प्रयोग अपनी पढ़ाई में करें | किताब में छपे पिक्चर और चार्ट्स आदि को ध्यान से देखें | यदि संभव हो तो लैब में Practical करें या विषय से सम्बंधित मॉडल को छू कर देखें | आजकल किताबों के साथ CD भी आती है | इन CDs से भी विषय को समझने में काफ़ी मदद मिलती है |
11. बुद्धिवर्धक तकनीकों का प्रयोग करें
यदि आप बुद्धिवर्धक तकनीकों (Memory Improvement Techniques) के बारे में जानते हैं या आपने इन्हें कहीं से सीखा है, तो इनका प्रयोग अपनी पढ़ाई में ज़रूर करिये | ये Techniques बहुत ही वैज्ञानिक और रिजल्ट ओरिएंटेड होती हैं |
12. संतुलित भोजन करें
एक पुरानी कहावत है “जैसा अन्न , वैसा मन”, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति जैसा अन्न खाता है वैसा ही उसका मन और शरीर बनता है | यह बहुत ज़रूरी है कि आप संतुलित भोजन लें | कोल्ड ड्रिंक्स और पिज़्ज़ा व बर्गर जैसे जंक फ़ूड से बचें | भोजन का सही तरीका है कि आप सुबह का नाश्ता भारी , दोपहर का भोजन उससे हल्का और रात का भोजन उससे भी हल्का लें | यदि संभव हो तो रात के भोजन में केवल सलाद (Salad) और द्रव्य पदार्थ (Liquids) ही लें |
13. शरीर को स्वस्थ रखें
क्योंकि एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मन निवास करता है, इसलिए सुबह के समय सैर पर जायें और अपने सामर्थ्य के अनुसार व्यायाम(Exercise) करें | जितना स्वस्थ आपका शरीर होगा, उतने ही आप एक्टिव और आत्मविश्वास से भरे रहेंगे |
14. प्रश्नों का उत्तर खोजें
यदि आपके मन में कोई प्रश्न है या किसी प्रश्न का उत्तर आपको समझ नहीं आता तो निसंकोच अपने अध्यापक से सहायता मांगें | हो सकता है कि ज्यादा या बार बार प्रश्न पूछने के लिए आपके अध्यापक आपको डांट दें, पर विश्वास कीजिये कि जो विद्यार्थी वास्तव में सीखने की इच्छा रखता है उसे सभी टीचर्स पसंद करते हैं और उसकी मदद के लिए सदा तैयार रहते हैं |
15. सभी संसाधनों का प्रयोग करें
पढ़ाई के लिए उपलब्ध सभी संसाधनों (Resources) का भरपूर प्रयोग करें | किताबों को ध्यान से पढ़ें, पुस्तकालय (Library) में जायें, अपने अध्यापकों और अभिभावकों से सहायता लें, दोस्तों और बड़े भाई-बहन से मदद मांगें, इन्टरनेट और टेलीविज़न आदि सभी उपलब्ध संसाधनों का सकारात्मक प्रयोग अपनी पढ़ाई के लिए करें |
16. ब्लेंक कार्ड्स (Blank Cards) का प्रयोग करें
पढ़ते समय किसी विशेष बात या किसी उत्तर के मुख्य बिन्दुओं (Main Points) को लिखने के लिए आप छोटे छोटे साइज़ के ब्लेंक कार्ड्स या पर्चियों का प्रयोग कर सकते है | ये कार्ड्स आपको revision करते समय काफ़ी मददगार साबित होंगे | परंतु सावधान, इसका अर्थ यह नहीं निकाला जाना चाहिए की आप इन्हें परीक्षा के समय नकल (Cheat Notes) के रूप में प्रयोग करें |
17. स्वयं को प्रोत्साहित करें
परीक्षा भवन में जाने से पूर्व स्वयं को प्रोत्साहित (Motivate) करें | जीवन की उन घटनाओं को याद करें, जब आप सफल हुए थे | अपने आप को विश्वास दिलाएं कि आप पहले भी कठिन परिस्थितियों एवं परीक्षाओं में सफल हो चुके हैं | इस परीक्षा में भी आप ज़रूर अच्छे अंकों के साथ सफल होंगे | इस प्रकार के सकारात्मक विचारों से आपका मनोबल बढ़ेगा और आप परीक्षा में अधिक बेहतर प्रदर्शन कर पायेंगे |
18. प्रश्नपत्र को ध्यान पूर्वक पढ़ें
जब भी आप कोई परीक्षा देते हैं तो उत्तर लिखना शुरू करने से पहले, प्रश्नपत्र को कम से कम दो बार ध्यानपूर्वक पढ़ लें | यह सुनिश्चित कर लें कि प्रश्न क्या है और उसका सही उत्तर क्या होगा | कई बार घबराहट में हम प्रश्न समझ ही नहीं पाते और गलत उत्तर लिख देते हैं |
19. अधिक मात्रा में जल लें
विज्ञान इस बात को प्रमाणित कर चुका है कि शरीर में जल का स्तर जितना अधिक रहता है, उतना ही हमारा मस्तिष्क अधिक कुशलता के साथ कार्य करता है | इस लिए अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिये | पढ़ाई करते समय अपने पास पानी की एक बोतल रखनी चाहिए | अगर संभव हो तो परीक्षा केंद्र (Examination Centre) में भी अपने साथ एक पानी की बोतल ले कर जायें और समय-समय पर पानी पीते रहें |
20. शांत हो जायें
परीक्षा में यदि उत्तर याद करने में कठिनाई हो तो घबराने कि आवश्यकता नहीं है | घबराहट से स्थिति और अधिक  बिगड़ सकती है | आँखें बंद करके कुछ पल के लिए चुपचाप बैठ जायें और गहरी सांस लें | इससे आपके मन को शांत करने में सहायता मिलेगी | फिर धीरे-धीरे उत्तर याद करने की कोशिश करें | जो भी मुख्य बिंदु (Main Point) याद आये उसे कागज़ पर लिख लें |
ऊपर दिए गए सभी टिप्स की एक संक्षिप्त और आकर्षक Ebook आप हमारी वेबसाइट www.praveenacademy.com/downloads..htm से Free Download कर सकते हैं | यह हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में उपलब्ध है |
आज के इस प्रतिस्पर्धा से भरे युग में हर व्यक्ति प्रथम स्थान पर आना चाहता है | हर व्यक्ति सफल होना चाहता है | सफ़लता की परिभाषा हर किसी के लिए अलग – अलग हो सकती है और होनी भी चाहिए | जब भी हम छोटी – छोटी सफलताएं अर्जित करते हैं तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता चला जाता है , परन्तु जब हमें किसी हार का सामना करना पड़ता है तो हम हतोत्साहित हो जाते हैं | हमें यह समझने की आवश्यकता है कि जीवन एक ई.सी.जी. ग्राफ की तरह है | जब तक ई.सी.जी. ग्राफ ऊपर नीचे जाता रहता है , तब तक हमारा ह्रदय काम करता रहता है परन्तु जब एक सीधी रेखा दिखाई देने लगती है तो हृदय काम करना बंद कर देता है और जीवन का अंत हो जाता है |
उसी प्रकार यदि जीवन में उतार- चढ़ाव न हों तो जीवन रसहीन हो जाता है | इसलिए जीवन में असफलताओं का होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की सफलताओं का | असफलताओं से लड़ते हुए जब आदमी सफ़लता प्राप्त करता है, तभी वह उसका पूर्ण आनंद ले सकता है |
जीवन में सफ़लता प्राप्त करने की लिए यह अति आवश्यक है कि हम अपने मन को असफलता के डर से ग्रसित न होने दें | क्योंकि जिस व्यक्ति की मन में यह भय बैठ जाता है की वह जीवन में कुछ नहीं कर पाएगा, तो फिर उसके लिए सफल होना कठिन हो जाता है | इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हम इस तरह की मानसिकता का त्याग आज और अभी कर दें |
आपके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ |
Praveen K Singhप्रवीण कुमार सिंह
माईंड ट्रेनर एंड लाइफ कोच
अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट www.praveenacademy.com  पर जायें या हमें mail@praveenacademy.com पर ईमेल करें.
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We are grateful to Praveen Ji for sharing this valuable Hindi article on how to succeed in studies. We wish him a great success in all his endeavors.
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