- उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- एक शब्द में, यह आदर्श है कि तुम परमात्मा हो.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- उस व्यक्ति ने अमरत्त्व प्राप्त कर लिया है, जो किसी सांसारिक वस्तु से व्याकुल नहीं होता.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- विश्व एक व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- इस दुनिया में सभी भेद-भाव किसी स्तर के हैं, ना कि प्रकार के, क्योंकि एकता ही सभी चीजों का रहस्य है.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा , और परमात्मा उसमे बसेंगे.
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- तुम फ़ुटबाल के जरिये स्वर्ग के ज्यादा निकट होगे बजाये गीता का अध्ययन करने के .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- किसी दिन , जब आपके सामने कोई समस्या ना आये – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- स्वतंत्र होने का साहस करो . जहाँ तक तुम्हारे विचार जाते हैं वहां तक जाने का साहस करो , और उन्हें अपने जीवन में उतारने का साहस करो .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- किसी चीज से डरो मत . तुम अद्भुत काम करोगे . यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- मनुष्य की सेवा करो . भगवान की सेवा करो .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं . जब वो केन्द्रित होती हैं ; चमक उठती हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- आकांक्षा , अज्ञानता , और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- यह भगवान से प्रेम का बंधन वास्तव में ऐसा है जो आत्मा को बांधता नहीं है बल्कि प्रभावी ढंग से उसके सारे बंधन तोड़ देता है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- कुछ सच्चे , इमानदार और उर्जावान पुरुष और महिलाएं ; जितना कोई भीड़ एक सदी में कर सकती है उससे अधिक एक वर्ष में कर सकते हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- जब लोग तुम्हे गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो . सोचो , तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
- श्री रामकृष्ण कहा करते थे ,” जब तक मैं जीवित हूँ , तब तक मैं सीखता हूँ ”. वह व्यक्ति या वह समाज जिसके पास सीखने को कुछ नहीं है वह पहले से ही मौत के जबड़े में है .
Swami Vivekananda स्वामी विवेकानंद
Click here for Swami Vivekananda’s Address/Speech (HINDI) to the World Parliament of Religions, 11th September, 1893
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