25 Feb 2014

प्रयास की दिशा – Knowing Where to Make an Effort


यह विश्व की सबसे अधिक पढ़ी गई प्रेरक लघुकथा है. बचपन में मैंने इसे कहीं पढ़ा और यह मुझे इसी रूप में पढ़ने को मिलती रही है. प्रसिद्ध लघुकथाओं के स्वरूपों में समय के साथ ही परिवर्तन आ जाते हैं और यह स्वाभाविक भी है, लेकिन यह लघुकथा न्यूनतम परिवर्तनों के साथ पीढ़ी-दर-पीढ़ी पढ़ी जाती रही है. बहुत संभव है कि आप इसे पहले ही कहीं पढ़ चुके हों लेकिन इस वेबसाइट में इसका समावेश आवश्यक लग रहा था इसलिए इसे प्रस्तुत किया जा रहा हैः
कभी ऐसा हुआ कि एक बड़े जहाज का इंजन खराब हो गया. जहाज के मालिक ने बहुत सारे विशेषज्ञों को बुलाकर उसकी जांच कराई लेकिन किसी को भी समझ में नहीं आया कि इंजन में क्या गड़बड़ थी.
जब किसी को भी जहाज के इंजन की खराबी का कारण पता न चला तो एक बूढ़े मैकेनिक को बुलाया गया जो बहुत छोटी उम्र से ही जहाज के इंजनों को ठीक करने का काम कर रहा था.
बूढ़ा मैकैनिक अपने औजारों का बक्सा लेकर आया और आते ही काम में जुट गया. उसने इंजन का बारीकी से मुआयना किया.
जहाज का मालिक भी वहीं था और उसे काम करते देख रहा था. बूढ़े मैकेनिक ने इंजन को जांचने के बाद अपने बक्से से एक छोटी सी हथौड़ी निकाली और इंजन के एक खास हिस्से पर हथौड़ी से धीरे से चोट की. चोट पड़ते ही इंजन गड़गड़ाते हुए चल पड़ा. बूढ़े ने हथौड़ी बक्से में वापस रख दी. उसका काम पूरा हो गया था.
एक हफ्ते बाद जहाज के मालिक को बूढ़े मैकैनिक का बिल मिला जिसमें उसने इंजन की मरम्मत के लिए दस हजार रूपए चार्ज किए थे.
बिल देखते ही मालिक चकरा गया. उसे लगा कि बूढ़े मैकेनिक ने ऐसा कुछ नहीं किया था जिसके लिए उसे इतनी बड़ी रकम दी जाए.
उसने बिल के साथ एक नोट लिखकर वापस भेज दिया कि मरम्मत के काम का आइटम-वाइज़ बिल भेज दीजिए.
बूढ़े मैकेनिक ने बिल रिवाइज़ करके भेज दिया. बिल में लिखा थाः
1. हथौड़ी से चोट करने की फीस – रु.5.00/-
2. चोट करने की जगह खोजने की फीस – रु.9,995/-
    कुल- – रु.10,000/-
 
अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास करना बहुत ज़रूरी है, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण इस बात का ज्ञान होना है कि प्रयास किस दिशा में किए जाएं.
मैंने इस कहानी के स्रोत की खोज करने का प्रयास किया तो मुझे पता चला कि यह कहानी जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करनेवाले एक मैकेनिक चार्ल्स स्टीनमेट्ज़ से संबंधित एक वास्तविक घटना पर आधारित है. उसे एक बड़े इलेक्ट्रिक जेनेरेटर को रिपेयर करने के लिए बुलाया गया था. जेनरेटर का निरीक्षण करने के बाद उसने उसके एक पार्ट पर चॉक से निशान लगा दिया और स्टाफ को समझाया कि उस पार्ट पर क्या काम करने की ज़रूरत है. कंपनी ने उसके बड़े बिल को जब डीटेल के साथ प्रस्तुत करने के लिए लौटा दिया तब उसने चॉक का निशान लगाने के लिए एक डॉलर चार्ज किया और बाकी की रकम उस पार्ट को खोजने के लिए चार्ज की.
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